अंधेरी रात बालू की खैरात नदी खखोरने के बाद अब स्टोक की बारी...
जैंत गढ़: राज्य में आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही बालू माफिया फिर से सक्रिय हो गए है। नदी को खाखोर डाला है। कांगीरा नदी के पुल के पाया के नीचे से अवैध उत्खनन कर पुल के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। बड़े पैमाने पर बालू का अवेध उत्खनन कर माफिया तो लाल हो रहे है। अब उनकी बेलगाम वाहनों की चपेट में आने से धरती के लाल अपनी जान गंवा रहे है।
गुरुवार देर रात्रि मझगांव थाना अंतर्गत डोंगा बरु नदी घाट से अवैध उत्खनन कर एक ट्रैक्टर आ रहा था उसने चोरी कर भागने के चक्कर मे बाइक सवार चमरू पिंगुआ को रौंद डाला।
मौके पर ही चमरू की मौत हो गई। बालू माफियाओं के लिए तो सफेद सोना बन गया है पर ग्रामीण के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है।
जैंत गढ़ आस पास क्षेत्र में बालू माफिया सक्रिय है।घाटों की नीलामी नहीं होने और मांग बढ़ने के कारण बालू सफेद सोना बन गया है। रात के अंधेरे में सफेद सोना का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है। रात जैसे जैसे गहराती है। माफिया सक्रिय हो जाते है।
चाईबासा: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत संचालित जैंतगढ़ ओपी के सामने स्थित एक वेल्डिंग दुकान अवैध बालू उत्खनन का कार्यालय है। सारा डीलिंग यही से होता है।ये दुकान हाथी के दांत खाने के अलग दिखने के अलग वाली कहावत चरितार्थ करता है। यहां असामाजिक तत्वों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है।लोकल में घर बनाने को नहीं मिलता बालू,माफिया कर रहे खनन क्षेत्र में व्यवसायीकरण। जिस क्षेत्र में बालू घाट स्थित है वहां के लोगों को बालू नहीं मिल रहा है।काफी मिन्नत करने के बाद तीन हजार से पैंतीस सौ रू प्रति ट्रैक्टर के भाव से बालू मिलता है।
वही माफिया नोवामुंडी, जगन्नाथपुर, जामदा आदि क्षेत्र में प्रति ट्रैक्टर पांच से सात हजार रु में बेच रहे है।माफिया मोटी कमाई करने के लिए हाइवा द्वारा नोवा मुंडी आदि खनन क्षेत्र में माल खपाते है जहां प्रति हाइवा पच्चीस से तीस हजार रु में बिकती है।एक अनुमान के अनुसार जैंत गढ़ आस पास से रोजाना दस से पंद्रह हाइवा और पच्चीस से तीस ट्रैक्टर माल (बालू) खनन क्षेत्र में खपाया जाता है।
जैंत गढ़ आस पास मझगांव थाना क्षेत्र के डोंगाबरु, कांटबिल, गढ़ा सही, सदम सही आदि बालू घाटों से जमकर अवैध उत्खनन होता है। वही जगन्नाथपुर थाना अंतर्गत गुमुरिया, मुंडुई, कुआं पड़ा, पड़सा, तुरली, आदि बालू घाटों से जमकर अवैध उत्खनन होता है। क्षेत्र में दर्जन भर से अधिक बालू के अवैध डिपो है। बालू माफिया जेसीबी मशीन लगाकर ट्रैक्टर द्वारा नदी घाट से बालू उत्खनन कर माल को डिपो में शिफ्टिंग करते है। शाम होते ही जेसीबी द्वारा माल को हाइवा में लाद कर सफेद सोना का काला कारोबार किया जाता है।
सबकुछ प्रशाशन और खनन विभाग के नाक के नीचे से होता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया सबकुछ प्रशाशन और खनन विभाग की मिली भगत से हो रहा है। जैंत गढ़ पुलिस ओपी के सामने से बालू लदा ट्रैक्टर और हाइवा गुजरता है। खनन विभाग की करवाई की सूचना बालू माफियाओं को पहले से रहती है।
प्रशाशन और खनन विभाग कभी कुभार छापा मारी की औपचारिकता पूरी करते है। ग्रामीणों की माने तो ये सब प्रायोजित होता है। बालू माफिया भी सबकुछ सेटिंग से चलने का दंभ भरते है। जैंतगढ़ क्षेत्र में अवैध बालू के धंधे पर अंकुश लगाना प्रशाशन और खनन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।