लुपुंगुटू झरना के तट पर संवेदकगण के द्वारा आयोजित वनभोज सह सम्मान समारोह हुआ संपन्न, शामिल हुए मंत्री व विधायक

माननीय लोगों के साथ संवेदक संघ की बैठक के कई मायने हैं?


चाईबासा/संतोष वर्मा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के लुपुंगुटू झरना के तट पर रविवार को संवेदक राजीव विश्वकर्मा उर्फ लड्डू विश्वकर्मा के अध्यक्षता में जिला के संवेदकगण के द्वारा आयोजित वनभोज सह माननियों के सम्मान समारोह हुआ संपन्न, इस सम्मान समारोह में शामिल हुए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (निबंधन रहित) एवं परिवहन विभाग मंत्री दीपक बिरुवा, मझगांव विधायक निरल पुरती और खरसांवा विधायक दशरथ गगराई शामिल हुए.

सम्मान समारोह में मंत्री दीपक बिरूवा ने संवेदक गणों की ओर से लुपुंगुटू झरना के तट पर आयोजित वनभोज सह सम्मान समारोह में शामिल हुए। माननीय मंत्री दीपक बिरूवा ने सभी संवेदकों को पुराने व नए वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

माननीय लोगों के साथ संवेदक संघ की बैठक के कई मायने लगाये जा रही हैं. संवेदक संघ के कुछ दबंग और राजनीतिक पैरवी रखने वाले लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए माननीय लोगों के अभिनंदन और सम्मानित करने का कार्यक्रम किए हैं. संवेदक ग्रुप के ही लोग ने इस कार्यक्रम से खुश नहीं दिखे.

सूत्रों के अनुसार चार दबंग संवेदक इस कार्यक्रम से आर्थिक लाभ लेने की तैयारी में हैं,आर्थिक लाभ के माने यह है कि सभी कार्यपालक अभियंता से अपने टेंडर में मदद लेने, माननीय का धौंस दिखा कर CS का कमिशन नहीं देना, और दूसरे संवेदक को टेन्डर लेने से रोक देना, इन सभी स्वार्थ के आधार पर एक षडयंत्र के तहत माननीय लोगों के साथ संवेदक संघ के बैनर तले कार्यक्रम किया गया है.

आज माननीय के नजदीकी संवेदक से कार्यकारी एजेंसियाँ त्रस्त है, कमिशन भी नहीं देते हैं डर से कार्यपालक अभियंता माननीय लोगों से शिकायत तक नहीं कर पाते हैं. आज माननीय भी चाटुकारों जैसे संवेदक को अपना सलाहकार बनाए हुए हैं. माननीय लोगों के नजदीकी ग्रामीण संवेदक संघ को कमजोर बनाने की साजिश रचे जाने की भी चर्चा हो रही है. 

शहर के दबंग ठेकेदार सभी माननीय को हाईजेक कर लिए जाने की भी चर्चा हो रही है, वहीँ ग्रामीण क्षेत्रों के संवेदक की अनदेखी से आदिवासी समुदाय के ठेकेदार काफी नाराज दिख रहे हैं. आदिवासी संवेदक अपने लोगों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.

इस बैठक के बाद एक बार फिर से ग्रामीण संवेदक संघ स्थानीयता के आधार का मुद्दा उठाने और बाहरी संवेदक का विरोध करने तैयारी में हैं. अब देखना है कि जहां एक ओर शहर के दबंग ठेकेदार को माननीय लोग तरजीह देते हैं या स्थानीयता के आधार पर लोकल को रोजगार देने का निर्णय लेते हैं.

Post a Comment

Do live your Comments here! 👇

Previous Post Next Post