कौन है प्रसन्न कुमार जो पथ निर्माण विभाग के टेन्डर मैनेज करने का मास्टर माइंड माना जाता हैः सूत्र
झारखंड में एक बार फिर टेंडर कमिशन वसूली का मामला सुर्खियों में होगा.
प्रसन्न कुमार की कार्यशैली से हेमंत सोरेन की सरकार की बदनामी हो रही है. सूत्र
सेवा निवृत्त होने के बाद भी ST के वरीय अभियंता प्रवीन जैनत भेंग्रा को अभियंता प्रमुख नहीं बनने देने की कोशिश करते रहे है प्रसन्न कुमार. सूत्र
santosh verma
Chaibasa : पथ निर्माण विभाग के सेवा निवृत्त पदाधिकारी प्रसन्ना कुमार पूर्व की भांति टेन्डर मैंनेज और कमिशनि का कार्य किए जाने की चर्चा जोरों पर है. हाँ यह वही प्रसन्ना कुमार है जो पथ निर्माण विभाग में योजना स्वीकृति का कार्य देखते थे, साथ ही टेन्डर में संवेदक चयन में इनकी संलिप्तता होने का आरोप लगता रहा है. प्रसन्ना कुमार उप सचिव, पथ निर्माण विभाग में लंबे समय तक कार्यरत रहें हैं, कमिसन और लाईजिंनिग करने में करोड़ों की अकूत सम्पत्ति अर्जित किए जाने की जांच की मांग उठ चुकी है लेकिन राजनीतिक संरक्षण होने के कारण इनके खिलाफ कोई भी जांच नहीं की गई है. प्रसन्ना कुमार की सम्पत्ति सूत्रों के अनुसार तीन राज्य में होने की संभावना जताई जा रही है. प्रसन्ना कुमार अपने सेवा काल में अपनी पहुंच और पैरवी के बल पर बड़े पदाधिकारी से भी अधिक रौब में रहते थे. माननीय भी इनके जी हजूरी करने की बात कही जाती थी. प्रसन्न कुमार का पहले से भी अधिक चलती होने आज के समय में है. ऐसा लगने लगा है कि निकट समय में एक बड़ा घोटाला उजागर किया जा सकता है. ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री आलम गिर आलम के आप्त सचिव संजीव कुमार लाल की तरह राजपाट बनाए है प्रसन्न कुमार. संजीव कुमार लाल के नक्शे कदंब पर चल रहे हैं.झारखंड में एक बार फिर टेंडर कमिशन वसूली का मामला सुर्खियों में होगा.