संजय कुमार सिंह अपने कार्य छेत्र में संवेदकों को समय पर किए गए कार्यों का बिल नहीं बना रहे हैं: सूत्र
संजय कुमार सिंह और पुत्र गौरव कुमार सिंह की आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने की जांच उठने लगी है: सुत्र
संजय कुमार सिंह को आदिवासी बहुल जिला सिंहभूम से प्रेम हो जाने से अपने सेवा काल के अधिक समय इसी जिला में सेवा दे रहे हैं
भ्रष्ट अभियंता सिंहभूम जिला को लुट का केंद्र बनाया है
चाईबासा/संतोष वर्मा: झारखंड में कोल्हान के सिंहभूम बना है भ्रष्ट अधिकारियों और अभियंताओं का केंद्र। हां चर्चा में आए ग्रामीण कार्य विभाग चाइबासा कार्य प्रमंडल में कार्यरत संजय कुमार सिंह के सेवा इतिहास के अध्ययन से पता चलता है कि अपने सेवा काल का अस्सी प्रतिशत अवधि सिंहभूम जिला में रहा है। भ्रष्ट अभियंता का पहला इच्छा आदिवासी बहुल्य जिला में नौकरी करना होता है, इसका कारण यह है कि आदिवासी समाज के लोग भोले भाले होते हैं।
ग्रामीण कार्य विभाग पूर्व में इस विभाग को REO के नाम से जानते थे, उस समय में कनीय अभियंता के रूप में चाइबासा प्रमंडल में पदस्थापित थे, समय समय पर अन्य जिला में साल दो साल के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत जिला से बाहर स्थानांतरण स्वयं करा कर पुनः चाइबासा जिला में पदस्थापित हो जाते हैं। हाल में ही दोनों विभाग में सेटिंग और मैनेज कर के प्रोन्नति मिलने के बाद फिर से उसी विभाग और उसी स्थान पर पदस्थापन करा लिए है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सिंहभूम जिला के आदिवासी समाज से इनका कितना प्रेम है कि इसी जिला में रहने के लिए हर करम करते हैं। इनका सेवा इतिहास से बहुत कुछ पता हो जाएगा।
सूत्रों की माने तो संजय कुमार सिंह अपने ऊंची पहुंच और पैरवी के साथ साथ सांसद और विधायक के संरक्षण में अपने पुत्र गौरव सिंह को ग़लत तरीके से अनुबंध पर नौकरी दिलाने में कामयाब हो गए हैं, सूत्रों के अनुसार डोमेसाइल के खिलाफ नौकरी पाने में सफल रहे हैं, इनका स्थानीयता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी नहीं मिल सकता है, यह मामला जांच का विषय है,इस मामला को झामुमो जांच करा सकती है। साथ ही पिता और पुत्र की आय से अधिक सम्पत्ति का मामला भी मंत्रिमंडल से जांच कराने की बात उठने लगी है। संजय कुमार सिंह की रौब और रुतबा से ठिकेदार वर्ग प्रताड़ित हो रहे हैं, ठिकेदार वर्ग ने दबे जुबान से अपने ऊपर हो रहे अत्याचार और प्रताड़ना को बताने पर मजबूर हो रहे हैं।
नोवामुंडी प्रखंड़ में दो सड़क विशेष मरम्मती कार्य में एक संवेदक को पचास लाख से अधिक प्राक्कलन और डीपीआर के विपरीत कम किए गए आइटम वर्क पर BOQ के अनुरूप बिल बना कर भुगतान करा दिए जाने की भूमिका में संजय कुमार सिंह की चर्चा जोरों पर हो रही है, इस मामला को भी झामुमो ने निगरानी विभाग से जांच कराने पर तहकीकात शुरु कर दी है।
संजय कुमार सिंह समय पर संवेदकों का बिल नहीं बनाने का आरोप लगने से ग्रामीण कार्य प्रमंडल चाइबासा चर्चा में आ गई है। हालांकि इस प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता राधेश्याम मांझी बहुत ही सरल और ईमानदार अभियंता हैं, सभी माननीय के प्रिय पात्र भी हैं, लेकिन संजय कुमार सिंह के चलती के आगे एक जूनियर इंजीनियर की तरह हैं।