DMFT FUND: डीएमएफटी फंड के तहत स्कूलों में दोयम दर्जे की सामग्री की हो रही आपूर्ति, जांच की मांग

रांची की पावगी इंफ्रा प्रा. लिमिटेड को दी गई है आपूर्ति और अधिष्ठापन की जिम्मेवारी, प्राक्कलन को किया जा रहा दरकिनार


चाईबासा/संतोष वर्मा: डीएएफटी फण्ड से किस कदर घटिया सामानों की खरिददारी कर स्कूलों में आपूर्ती की जा रही है और कमिशन का खेलाबेला चल रहा है,यदी देखना हो तो पश्चिमी सिंहभूम जिला के शिक्षा विभाग में जा कर देखें.स्कूलों में जगह नहीं है सामाग्री रखने का.ऐसी ही एक मामला मनोहरपुर प्रखंड ही नहीं जिला के सभी प्रखंडों के स्कुलों में देखने और सुनने को मिल रहा है जहां तहां स्कूल प्रागंण के बाहर बिखरा पड़ा है सामान।

ज्ञात हो की डीएमएफटी फंड से जिले में हो रही विकास योजनाओं में धांधली की बात कोई नई नहीं है। परंतु अब शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। ऐसे में भ्रष्टाचार रहित विकास की बात करना अब बेमानी होती जा रही है। ताजा मामले की बात करें तो जिले के कई स्कूलों में सामग्रियों की आपूर्ति और अधिष्ठापन किया जाना है। इसके तहत मनोहरपुर के भी स्कूलों में इस निधि के तहत कई सामग्री की आपूर्ति की गई है। जिसमें जमकर धांधली होने की आशंका है।


जानकारी के मुताबिक आपूर्ति की जाने वाली सामग्रियों की जितनी प्राक्कलित राशि है, उससे ब्रांडेड सामान की आपूर्ति की जा सकती थी। जानकारी के मुताबिक जिला योजना पदाधिकारी के ज्ञापांक-35 (ए), 07 अक्टूबर 2024 के अनुसार डीएमएफटी के जरिए जिले के कुल 6 स्कूलों में मॉडलीकरण के नाम पर प्रति स्कूल 38 लाख 24 हजार 332 रुपए की प्राक्कलित राशि से सामग्रियों की आपूर्ति और अधिष्ठापन किया जाना है।

इसकी निविदा कब निकाली गई, इसका पता नहीं चल पाया है। परंतु इसकी आपूर्ति और अधिष्ठापन की जिम्मेवारी रांची की किसी पार्वांगी इंफ्रा प्रा. लिमिटेड को दी गई है। वहीं यहां के स्कूल में अब तक की आपूर्ति की गई सामग्री की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। सामग्री की खरीदारी में प्राक्कलन को दरकिनार कर मनमानी की गई है। इधर इसे लेकर अब लोग जांच की मांग कर रहे हैं।

जितना प्राक्कलन, उससे कम कीमत के सामान....

यहां के स्कूल में 3 जोड़ी टीचर टेबल और कुर्सी, स्पोर्ट्स किट, फर्स्ट एड किट, 80 लीटर वाली डस्टबिन, पोर्टेबल साउंड सिस्टम के अलावा अन्य कई चीजों की आपूर्ति और अधिष्ठापन किया जाना है। इनमें अभी टेबल नहीं दिया गया है। एक जोड़ी टेबल-कुर्सी की प्राक्कलित राशि 28143 रुपए, स्पोर्ट्स किट के एक सेट की प्राक्कलित राशि 50150 रुपए, एक डस्टबिन की प्राक्कलित राशि 1741, फर्स्ट एड किट की प्राक्कलित राशि 1947 और पोटेबल साउंड सिस्टम की प्राक्कलित राशि 37760 रुपए है।


परंतु यहां आपूर्ति की गई सामग्रियों को देखकर प्रतीत होता है कि ये दोयम दर्जे का है। अगर प्राक्कलित राशि के आधार पर आपूर्ति की जाती तो उतने पैसे में सारी चीजें ब्रांडेड कंपनी की आपूर्ति की जा सकती थी। कुर्सियों में किसी भी कंपनी का लेबल नहीं पाया गया।

वहीं साउंड सिस्टम भी किसी परसेंग कंपनी का है। जबकि जानकार बताते हैं कि जितनी प्राक्कलित राशि है उतने में किसी बड़ी कंपनी की ये चीजें मिल जातीं। वहीं जिले के डीसी कुलदीप चौधरी से विगत शुक्रवार को आनंदपुर प्रखंड के दौरे के दौरान इसे लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपूर्ति की गई चीजों को देख कर ही कुछ कहा जाएगा।

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