चाईबासा/संतोष वर्मा: इस्लाम के नूर से जग मग बेटियो के हौसले को सलाम।जैंत गढ़ की 6 वर्षीय लीजा शमीम के हौसले इस रमज़ान में सातवें आसमान पर है। वह इस साल रमज़ान के सभी 30रोजे रखना चाहती है। लीजा जैंतगढ़ निवासी शम्मा बानो और एन अहमद की बेटी है। वह अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की छात्रा होने के बावजूद धार्मिक विचारधारा से ओत प्रोत है।
विगत वर्ष भी उसने पांच वर्ष की उम्र में 7 रोजे रखे थे।लीजा की मा शम्मा बानो ने बताया तप्ती धूप और 14 घंटे का रोजा होने के कारण हम लीजा को मना कर रहे थे पर अज़ान से मात्र 10 मिनट पहले उठकर जिद करके रोजा रखी। वह भी सेहरी के नाम पर मात्र एक रोट और एक प्याला दूध लिया।
लीजा शमीम ने कहा रमज़ान के पवित्र माह के पूरे रोजे रखना चाहती हूं आप मेरे हक मे दुआ करें कि अल्लाह मुझे पूरे रोजे रखने की तौफीक दे।में अल्लाह से रोजे रख कर दुनिया से कोरोना वायरस समाप्त करने की दुआ करूंगी। मैंने रोजा रखना अपने अब्बू, अम्मी और भाई जान से सीखा है अल्लाह ताला रोजेदार की दुआएं क़ुबूल करते है।