Chaibasa: एनुअल ग्रांट में भरी लूट धरातल पर, हो गहन जांच पड़ताल तो नपेंगे अधिकांश गुरु जी


चाईबासा/संतोष वर्मा: शिक्षा की मंदिर ही जब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाए तो फिर समाज का कल्याण कैसे हो। जब से परियोजना आई है। नए नए प्रयोग ने शिक्षा के मंदिर को लूट का चारागाह बना दिया है। सरकारी स्कूल तो पहले से ही एम डी एम की लूट के लिए बदनाम हैं। बच्ची के निवाला पर डाका पड़ रहा है।लाख रु वेतन पाने वाले गुरुजी गांव के निरीह गरीब बच्चों का निवाला छिन कर इसी पैसे से अपनी अवलाद का भरण पोषण कर रहे है।

उक्त बातें झामुमो के जगन्नाथपुर प्रखंड अध्यक्ष महेंद्र तिरिया ने कहा। उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा भाजपा का लूट राज झारखंड से समाप्त हो चुका है। अब माटी के लाल हेमंत सोरेन की माटी की सरकार है। प्रधान शिक्षक सुधर जाए। शिक्षा पर गरीब आदिवासी मूल वासी बच्चों का भविष्य टीका हुआ है।गरीब बच्चों के हित में अब झामुमो कार्यकर्ता स्कूल, अस्पताल, जन विकास प्रणाली की दुकान का लगातार निरीक्षण करेंगे।

श्री तिरिया ने कहा स्कूलों में सबसे बड़ी लूट एनुअल ग्रांट में है।उच्च विद्यालय को एक लाख, मध्य विद्यालय को 75 हजार, से एक लाख, प्राथमिक विद्यालय को 25 से 50 हजार रु ग्रांट मिलता है। जिसे स्वक्षता, फर्नीचर, रंगों रोगन, कागज कार्बन आदि में खर्च करना है। पर अधिकांश स्कूलों में इसका 25% भी खर्च नहीं होता। एनुअल ग्रांट प्रधान शिक्षक के लिए वार्षिक बोनस बन जाता है। सब कुछ बिल वाउचर पर चल रहा है। 

स्कूलों में लगा तड़ित चालक, स्पोर्ट्स सामग्री में भारी लूट मची है। सबका जांच कराकर गरीब बच्चों को न्याय दिलाया जाएगा। मध्याह्न भोजन का संचालन समिति को करनी है। लूट के इरादे से शिक्षक संचालन करते है। खूब हाजरी बढ़ा कर लूट मचा रहे है।शिक्षक सप्ताह भर के अंदर समिति द्वारा एम डी एम संचालन सुनिश्चित करे। अन्यथा करवाई के लिए तैयार रहे।सरकार से अब छात्रों को भी बायोमैट्रिक द्वारा हाजरी बनवाने की मांग रखी जाएगी। ताकि एम डी एम को लूट के चारागाह की श्रेणी से निकाला जा सके।

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