मनोहरपुर विधानसभा की योजना में बाहरी माननीय के हस्तक्षेप से स्थानीय विधायक नाराज

 मनोहरपुर विधानसभा की योजना में बाहरी माननीय के हस्तक्षेप से स्थानीय विधायक नाराज



सत्यम बिल्डर को NR करने का मामला जिला से रांची तक भूचाल ला दिया है, पासवान के सामने एक तरफ कुवां है तो दूसरी तरफ खाई है

जिला स्तर की योजना को दूसरे विभाग के मुख्य अभियंता से CS अनुमोदन कराने का दबाव बढ़ा, इसी तरह के मामला में उच्च न्यायालय में केस दर्ज किया जा चुका है।

सत्यम बिल्डर को दरकिनार करने और चंदेल कंस्ट्रक्शन को कार्य देना अवधेश कुमार के लिए चना चबाने जैसा है।

सूत्रों से यह भी पता चला है कि सत्यम बिल्डर को टेक्निकल पास करने की भी चर्चा जोरों पर हो रही है।

सांसद जोबा मांझी और जगत मांझी इस टेंडर में किसके लिए खड़े हैं, यह भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है

मनोहरपुर के दीपा और कूड़ना के बीच कोयल नदी पर पुल निर्माण से संबंधित निविदा का मामला अब नया मोड़ लेते हुए जिला झामुमो में विवाद पैदा कर सकती है


Chaibasa ःपश्चिमी सिंहभूम जिले में राज्य स्तरीय योजना हो या जिला स्तर की योजना, सभी योजना की निविदा में मैनेज करने को लेकर अभियंता त्रस्त हैं।मनोहरपुर की मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से स्वीकृत एक पुल की निविदा में एक माननीय को खुश करने और दबाव में संवेदक सत्यम बिल्डर को डिस्क्वालीफाई करने के लिए सत्यम का द्वारा योजना लम्बित रखने के कारण CS में NR कर दिया गया है, इस घटना में बहुत दिलचस्प बात यह है कि यह योजना उक्त योजना मनोहरपुर का है, लेकिन बाहरी माननीय किसी अन्य संवेदक के पक्ष में निविदा दिलाने की कोशिश की जा रही है, इस कारण स्थानीय विधायक और सांसद ने अप्रत्यक्ष रूप से भारी विरोध का आभास जितेन्द्र पासवान को कराए जाने की खबर है, यूं कहा जा रहा है कि जितेन्द्र पासवान के लिए एक तरफ कुवां है तो दूसरी तरफ खाई है। वहीं DMFT की तीन योजना में भी यही हाल है, फेल को पास करने पर दबाव इतना है कि, लम्बे समय तक निविदा निषादन की प्रक्रिया लम्बित है। संवेदक के समर्थक बिचौलिया ग्रामीण विकास विशेष प्रक्षेत्र के मुख्याभियंता अवधेश कुमार से CS अनुमोदन नहीं कराने का दबाव बनाए हुए हैं, जबकि इसी प्रमंडल में दूसरे विभाग के मुख्य अभियंता से सीएस कराने के कारण SHIRISHA CONSTUCTUIN के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जा चुकी है। टेंडर मैनेज नहीं करने यानी माननीय के मन चाहे ठिकेदार को कार्य आवंटित नहीं किए जाने के मामले में जितेन्द्र पासवान को बलि चढ़ाने के लिए तैयारी की जा चुकी है, वहीं इस प्रकरण में झामुमो के माननीय के बीच असंतोष और क्षेत्र अतिक्रमण करने का भारी विरोध होने की चर्चा हो रही है। पूर्व मंत्री भले ही सरकार में नहीं हैं, लेकिन सरकार भी उन्हें सरकार से कम नहीं मानती है। सत्यम का विरोध जिला झामुमो में नया भूचाल ला सकता है। आज भी मंत्री अपने अनुज संवेदक सत्यम के साथ खड़ा है। सूत्रों के अनुसार टेंडर मैनेज करने के लिए तीन माननीय जितेन्द्र पासवान को हटाने और किसी पूर्व परिचीत ST कोटा के अभियंता की पोस्टिंग कराने की कोशिश कर रहे हैं।

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