Chaibasa: मन कैथोलिक ईसाइयों ने गुड फ्राइडे में ईसा के धैर्य और त्याग को याद किया





चाईबासा: शुक्रवार को रोमन कैथोलिक ईसाईयों ने संत जेवियर्स स्कूल मैदान में ईसा मसीह के क्रूर यहूदी राजाओं के यातनाओं के बाद सूली पर चढ़ाए जाने की झांकियों के साथ गुड फ्राइडे (पुण्य शुक्रवार)भक्ति के साथ मनाया। ईसा मसीह के मरण के पूर्व की घटनाक्रम क्रूस रास्ता द्वारा रोमन कैथोलिक चर्च अंतर्गत विभिन्न इकाइयों के विश्वासियों द्वारा प्रार्थना में संदेश दिया गया कि हमारे मानव जीवन में जाने अनजाने कई गलतियां हो जाती हैं।

हम ईश्वरीय वरदान से दूर रहकर कई बुरे कर्म कर जाते हैं और रिश्तों को कमजोर करते हैं। ऐसे में ईसा मसीह के त्याग और बलिदान को याद कर बुरे कर्मों से दूर रहने का संकल्प लें। चूंकि ईसा मसीह ने हम मानव की पापों की क्षमा के लिए स्वयं सूली पर मरना स्वीकार किया।ईसा के क्रूस रास्ता को चौदह स्थान तक तय किया गया। प्रत्येक स्थान पर पहुंच कर ईसा को यहूदियों के सिपाहियों द्वारा प्रताड़ित किए गए घटना को याद किया गया।

इस दौरान ईसा के धैर्य, त्याग और बलिदान को मानव जीवन से जोड़ कर बताया गया कि हम जीवन में किसी भी परिस्थितियों में विचलित नहीं होकर शांति के साथ प्रगति की राह पर चलें।क्रूस रास्ता के दौरान पल्ली के कोयर दल संजीव कुमार बलमुचु,अमातुस तोपनो, सुनीता हेम्ब्रम गागराई, रोयलेन तोपनो, रोबिन बलमुचू की अगुवाई में ईसा मसीह के दुखभोग से संबंधित भावपूर्ण गीत से वातावरण भक्तिमय हुआ। इसके बाद चर्च में मिस्सा पूजा चढ़ाया गया। 

इस दौरान विभिन्न धर्मविधि सम्पन्न कर आराधना किया गया।इसमें ईसा मसीह के द्वारा मनुष्य की पापों की क्षमा के लिए सूली पर चढ़कर अपनी जान की आहूति देने का संस्मरण को प्रार्थना में शामिल किया गया। मिस्सा पूजा के मुख्य अनुष्ठाता पल्ली पुरोहित निकोलस केरकेट्टा ने ईसा मसीह के मरण के घटनाक्रम का दृष्टांत सुनाते हुए विश्वासियों को संदेश दिया कि जीवन में हम प्रगति के राह पर तब ही बढ़ सकते हैं जब मन की शांति बरकरार रहे और क्रोध, वैमनस्य, द्वेष, अहंकार, ईर्ष्या, हिंसा, अत्याचार आदि बुराइयों को त्याग दें।

मौके पर फादर यूजिन एक्का, फादर अगस्टिन कुल्लु, फादर रंजीत, सिस्टर नीलिमा, सिस्टर ज्योत्स्ना, ब्रदर अनिल, आशीष बिरुवा, किशोर तामसोय, लियोनार्ड तोपनो, प्रहलाद बलमुचु, सिरिल सुंबरुई, सालुका देवगम, जेवियर देवगम, पुष्पा डाहंगा, जुलियाना देवगम, सामु देवगम, निस्तर देवगम, पीयूष देवगम, जॉन देवगम, बेंजामिन बोयपाई, कमला उगुरसांडी, लुसी बिरुवा, मालती सिंकू, सीमा हेम्ब्रम, प्रफुल्लित होरो गागराई, मित्रसेन सुंडी, रोबिन सुंडी, एलिजाबेथ केरकेट्टा, एलिसबा डुंगडुंग, रोबर्ट सावैयां, पासिंग सुंडी, छोटू देवगम, मार्शल पुरती समेत काफी संख्या में ईसाई परिवार के महिला -पुरुष, युवा एवं बच्चे उपस्थित थे।

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