Saraikela: श्रीनाथ विश्वविद्यालय में भारत-जापान की पारंपरिक पेंटिंग पर दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन

श्रीनाथ विश्वविद्यालय के छात्रों ने सीखी बंधनी और शिबोरी कला की बारीकियां


आदित्यपुर: श्रीनाथ विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स में 6 और 7 मई को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने भारत और जापान की पारंपरिक कपड़ा रंगाई की विधाओं - बंधनी और शिबोरी को करीब से समझा और सीखा। इस कार्यशाला का संचालन रिमी मंडल ने किया जिन्हें विश्वविद्यालय के द्वारा बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था जहां उन्होंने छात्रों को पारंपरिक कलाओं की ट्रेनिंग दी।

वर्कशॉप में आमंत्रित रिमी मंडल विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के कला भवन से वस्त्र डिज़ाइन में एमएफए हैं और फिलहाल कर्नाटक के श्री विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ा रही हैं। उन्होंने अपने अनुभव और जानकारी के ज़रिए प्रतिभागियों को इन पारंपरिक कलाओं की बारीकियों से परिचित कराया।

कार्यशाला में मुख्य रूप से बताया गया कि बंधनी एक पारंपरिक भारतीय कला है, जिसमें कपड़े को अलग-अलग तरीकों से बांधकर रंगा जाता है, जिससे लहरिया, मोथरा और एकदली जैसे सुंदर डिज़ाइन बनते हैं। वहीं, शिबोरी जापान की एक पुरानी तकनीक है जिसमें कपड़े को मोड़ा, मरोड़ा या सिलकर खास तरह से रंगा जाता है। रिमी मंडल ने नुई शिबोरी, कुमो शिबोरी और मिउरा शिबोरी जैसी अंतरराष्ट्रीय शैलियाँ में भी छात्रों को समझाया।

इस आयोजित वर्कशॉप के समापन समारोह में ट्रस्टी मोमिता महतो बतौर विशेष अतिथि मौजूद रहीं। कार्यशाला को सफल बनाने में विभागाध्यक्ष श्री गणेश महतो और संकाय सदस्य श्री सुहास कुमार होरे, श्री अंजन महांती, श्रीमती रिमी अदक और सुश्री सायंतनी दासगुप्ता की अहम भूमिका रही।

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post