आक्रोश प्रदर्शन भाजपा की हताशा और बौखलाहट का प्रतीक : झामुमो
संतोष वर्मा
Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिले में भाजपा द्वारा प्रखंडों में किए गए "आक्रोश प्रदर्शन" राजनीतिक नौटंकी है। यह प्रदर्शन न तो जनता के लिए था और न ही जनहित से इसका कोई वास्ता है, बल्कि यह भाजपा की हताशा और बौखलाहट का प्रतीक है। यह बातें आज झामुमो के जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है। श्री लागुरी ने कहा कि भाजपा को इस बात का कष्ट है कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आदिवासी-मूलवासी सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं सहित हर वर्ग के लिए काम कर रही है। भाजपा जिन सवालों को लेकर प्रदर्शन कर रही है, वे वही मुद्दे हैं, जिन्हें भाजपा ने अपनी सत्ता में पूरी तरह नजरअंदाज किया था। प्रधानमंत्री आवास योजना, बालू नीति, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर भाजपा का बोलना हास्यास्पद है, क्योंकि उनके शासनकाल में बालू माफिया सबसे ज्यादा सक्रिय थे, योजनाएं ठप थीं, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी और युवाओं को रोजगार के नाम पर सिर्फ जुमले दिए गए थे। अपने इन्ही कृत्य के कारण भाजपा को प्रदेश की जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया था और इतिहास रचते हुए लगातार दूसरी बार हेमंत सोरेन के नेतृत्व को आपार बहुमत देकर सत्ता की बागडोर सौंपी है। एक समय मुख्यमंत्री रहने के बावजूद मरांडी जी झारखंड की जमीनी सच्चाई को नजरअंदाज कर रहे हैं। वे आज जिन मुद्दों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हीं समस्याओं की जड़ें भाजपा शासन में पड़ीं। भाजपा का विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र का हिस्सा हो सकता है, लेकिन उसमें सच्चाई और नीयत की ईमानदारी होनी चाहिए। यह प्रदर्शन सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने और लोगों को गुमराह करने की कवायद है। हेमंत सरकार योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। पेसा कानून का लागू होना, स्थानीयता पर आधारित नियोजन नीति, महिला सशक्तिकरण, मंईयां सम्मान और शिक्षा व्यवस्था में सुधार जैसे कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, जिनसे भाजपा घबराई हुई है। जनता भाजपा की नीयत और राजनीति को अच्छी तरह समझ चुकी है। विकास के एजेंडे को भटकाने और अफवाह फैलाने की कोशिशें अब नहीं चलेंगी। झारखंड की जनता सरकार के साथ है, और भाजपा को हर मंच पर जवाब दे रही है, आने वाले चुनावों में भी देगी।