Chaibasa: धरती माँ को समर्पित एक वृक्ष

जल-जंगल-जमीन प्रकृति संरक्षण में आदिवासी नेतृत्व एक मिसाल हैः भारतीय जनता पार्टी


विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने हो भाषा में दिया एक भावनात्मक संदेश


 अपनी माँ के नाम पर वृक्ष लगाकर एक भावनात्मक संदेश दिया कही माँ सिर्फ जन्म देने वाली नहीं, बल्कि वह धरती भी है जो हमें पालती हैः पूर्व सांसद गीता कोड़ा 

संतोष वर्मा

Chaibasa ःविश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज पताहातू गांव में एक विशेष पहल के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर झारखंड की पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व सांसद श्रीमती गीता कोड़ा ने स्वयं अपने हाथों से पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।


यह कार्यक्रम केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि आदिवासी समाज की उस जीवंत परंपरा का प्रतीक था, जिसमें जल, जंगल और जमीन को जीवन का आधार माना जाता है। पताहातू की पवित्र भूमि पर लगे ये वृक्ष केवल हरियाली नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही प्रकृति पूजा और धरती आबा के प्रति आदर भाव का मूर्त रूप हैं।


*मधु कोड़ा* ने इस अवसर पर कहा कि "प्रकृति हमारी माँ है। जब तक हम उसकी रक्षा नहीं करेंगे, तब तक आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित नहीं होगा।" वहीं *गीता कोड़ा"*  ने अपनी माँ के नाम पर वृक्ष लगाकर एक भावनात्मक संदेश दिया – "माँ सिर्फ जन्म देने वाली नहीं, बल्कि वह धरती भी है जो हमें पालती है।"


कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया, वृक्षारोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई और यह संकल्प लिया गया कि हर व्यक्ति वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएगा।यह पहल न सिर्फ पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और प्रकृति से जुड़ी भावनाओं की भी अभिव्यक्ति है – एक ऐसी परंपरा, जिसे आधुनिक विकास की दौड़ में भी जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है।

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post