पूर्व मुख्यमंत्री मधू कोड़ा ने राज्यपाल से की मुलाकात, अनुसूची-1 में "हो" भाषा को शामिल करने की रखी मांग

पूर्व मुख्यमंत्री मधू कोड़ा ने राज्यपाल से की मुलाकात, अनुसूची-1 में "हो" भाषा को शामिल करने की रखी मांग



आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा का प्रतिनिधिमंडल,पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के साथ माननीय राज्यपाल से मिला



santosh verma


Chaibasa: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता मधु कोड़ा ने मंगलवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर एक अहम मांग रखी. उन्होंने झारखंड शिक्षक पात्रता नियमावली-2025 के तहत अनुसूची-1 में "हो" भाषा को शामिल करने की मांग की. मधु कोड़ा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि राज्य के पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, दुमका और गुमला जैसे जिलों में "हो" भाषा का व्यापक रूप से उपयोग होता है.



 उन्होंने बताया कि झारखंड में लगभग 12 लाख लोग "हो" भाषा को मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और 6 लाख से अधिक अन्य स्थानीय लोग भी इसका उपयोग करते हैं. देशभर में "हो" भाषा बोलने वालों की संख्या लगभग 46 लाख है. उन्होंने "हो" भाषा को अधिकारिक मान्यता देने की मांग की. ज्ञात हो की झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली - 2025 में 'हो' भाषा के अभ्यर्थियों के लिए राज्य सरकार ने मात्र तीन जिला पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला- खरसाँवां और पूर्वी सिंहभूम को शामिल किया है. 'हो' भाषा के अभ्यर्थियों के लिए खूँटी,राँची, रामगढ़, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, दुमका, गुमला एवं अन्य जिलों को शामिल नही किया गया है.

इन जिलों में भी 'हो' भाषा के अभ्यर्थियों के लिए शामिल कराने को लेकर आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा का प्रतिनिधिमंडल,पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के साथ माननीय राज्यपाल से मिला । 'हो' भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है । उपरोक्त जिला में भी 'हो' भाषा-भाषा के लोग निवास कर रहे हैं । इसके बावजूद उपेक्षित करने से 'हो" समाज के लोगों ने नाराजगी जतायी है.इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री,झारखंड सरकार,राँची से भी मुलाकात का प्रयास हुआ.परंतु राज्य से बाहर हैं. आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री का कार्यालय पहुँचा और ज्ञापन के माध्यम से उपरोक्त जिलों में भी 'हो' भाषा के अभ्यर्थियों के लिए माँग रखा. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा,आदिवासी 'हो' समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड,उपाध्यक्ष सुरा बिरूली, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र पुरती, संयुक्त सचिव रवि बिरूली, धर्म सचिव सोमा जेराई, प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द बिरूवा, कोषाध्यक्ष शंकर सिधु, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, सचिव ओएबन हेम्ब्रम, सदस्य सिकंदर तिरिया आदि लोग मौजूद थे ।

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