वन महोत्सव: नोआमुंडी आयरन माइन में हरियाली की ओर एक मजबूत पहल

वन महोत्सव: नोआमुंडी आयरन माइन में हरियाली की ओर एक मजबूत पहल

 


माइनिंग क्षेत्र में डंप प्रबंधन के तहत 20,000 पौधों के रोपण का


संकल्प

 

संतोष वर्मा 

चाईबासा।वन महोत्सव केवल पौधे लगाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण को संवारने, भविष्य को     सुरक्षित रखने और जीवन को हरा-भरा बनाने का एक महाअभियान है। इसी कड़ी में, नोआमुंडी आयरन माइन के खनन क्षेत्र (माइनिंग एरिया) में इस वर्ष 20,000 पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। वन महोत्सव सप्ताह के उपलक्ष्य में माइनिंग क्षेत्र में पर्यावरण सुधार और डंप प्रबंधन की दिशा में एक  महत्वपूर्ण पहल की गई। इस वन महोत्सव अभियान के तहत, पहले एक सप्ताह के भीतर लगभग 3,000 पौधों का रोपण विशेष रूप से वेस्ट डंप क्षेत्र पर किया गया, जिससे डंप स्लोप पर हरियाली बढ़े और धूल प्रदूषण में कमी आए। इसके साथ ही, वन महोत्सव सप्ताह के दौरान कुल 6,000 स्थानीय प्रजातियों के वानिकी पौधों (Forestry Trees) का सफलतापूर्वक रोपण वेस्ट डंप क्षेत्र में किया गया।

यह अभियान न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है, बल्कि यह सतत विकास और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। भारतीय की संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण हमारे जीवन शैली का एक अभिन्न अंग है। प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना यहाँ की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। धरती को मातृवत् मानकर जल, हवा, नदियां, पर्वत, वृक्ष और जलाशयों की सुरक्षा एवं संरक्षण करके हम पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे है।

अभियान के दौरान बागवानी अनुभाग के दिशा निर्देश में किया गया यह प्रयास खनन विभाग, बागवानी-पर्यावरण टीम और श्रमिकों की सहभागिता से यह कार्य एक जनभागीदारी अभियान में बदल गया।खनन कार्यों से उत्पन्न डंप एरिया (waste dump) पर हरियाली लौटाना डंप प्रबंधन की प्रमुख प्रक्रिया है। यह न केवल पर्यावरण संतुलन को  बनाए रखने में सहायक है, बल्कि मृदा कटाव रोकने, धूल नियंत्रण, स्थानीय जलवायु को संतुलित करने और जैव विविधता को बढ़ावा देने का भी प्रभावशाली माध्यम है। इसअवसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में कर्मचारियों से एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने दायित्व को निभाने का आग्रह किया गया कि हर कर्मचारी और नागरिक को कम से कम एक पौधा अवश्य लगानी चाहिए। पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की नियमित देखभाल भी आवश्यक है।प्रर्यावरण विभाग, प्रबंधन, श्रमिक यूनियन और सभी कर्मियों की सक्रिय भागीदारी से यह 20,000 पौधों का लक्ष्य एक नई मिसाल बनेगा जिससे आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा, हरियाली और स्वस्थ वातावरण की सौगात मिलेगी।

Post a Comment

Do live your Comments here! 👇

Previous Post Next Post