षिरजोन 5.0 जनजातीय खेल महोत्सव के समापन दिवस पर जनजातीय संस्कृति की गूंज
षिरजोन महोत्सव जनजातीय युवाओं में खेल भावना और सामाजिक एकता को बढ़ाने वाला मंच हैः विधायक सोनाराम सिंकु
मुख्य अतिथि रहे जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु — कहा, “हमारी संस्कृति हमारी पहचान है”
santosh verma
Chaibasa ःनोवामुंडी प्रखंड के बड़ाबालजोड़़ी गाँव में आयोजित षिरजोन 5.0 जनजातीय खेल महोत्सव 2025 का चौथा और अंतिम दिन अद्भुत उत्साह और सांस्कृतिक रंगों से भरपूर रहा। चार दिवसीय इस आयोजन ने जनजातीय समाज की परंपरा, खेल और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगन्नाथपुर विधायक श्री सोनाराम सिंकु ने उपस्थिति दर्ज कराई और खिलाड़ियों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने फुटबॉल फाइनल मुकाबले से पहले खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर परिचय प्राप्त किया और फुटबॉल को किक मारकर मैच का शुभारंभ किया।
फाइनल मुकाबला एल.के.एम. ब्रदर्स, जमशेदपुर और एस.डी.एम.-11, नोवामुंडी के बीच खेला गया, जिसमें रोमांचक खेल के बाद एल.के.एम. ब्रदर्स, जमशेदपुर ने जीत दर्ज की। दर्शकों ने जोश के साथ खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
अंतिम दिन के कार्यक्रम में कई पारंपरिक और आधुनिक खेलों का आयोजन हुआ —फुटबॉल, सेकॉर, चुर, पीटू, किरी गलंड, जॉनोह गलंड, आदिविक्की बई, चादु टिपिल, बाबा रूड़, दौड़ बदाबदि, फुट आरोड़ बदाबदि, बनम गोड़ बदाबदि, गुरुपुडु सिंगेल, टेऊ सिंगेल, और बोड़ पटाः जैसे जनजातीय खेलों का प्रदर्शन हुआ।इसके साथ ही सांस्कृतिक झांकी, पारंपरिक सुसुन तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने जनजातीय परंपरा, नृत्य और गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों — जनजातीय साहित्यकारों, लेखकों, जनप्रतिनिधियों, मुंडा-मानकियों और समाजसेवियों — को मंच पर सम्मानित किया गया।विधायक श्री सोनाराम सिंकु जी ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज की असली पहचान हमारी संस्कृति, भाषा, नृत्य, गीत। यह खेल महोत्सव केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी परंपरा को जीवित रखने का प्रतीक है। हमारे समाज के वो लोग जो शिक्षा या रोजगार के लिए राज्य से बाहर हैं, उन्हें भी ऐसे आयोजनों में अवश्य भाग लेना चाहिए, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें। आदिवासी समाज की भाषा, नृत्य, गीत, संस्कृति और रीति-रिवाज हमारी पहचान हैं — इन्हें बचाना और आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
विधायक श्री सिंकु ने आगे कहा कि षिरजोन महोत्सव जनजातीय युवाओं में खेल भावना और सामाजिक एकता को बढ़ाने वाला मंच है। उन्होंने आयोजकों और सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम जारी रखने की अपील की। कार्यक्रम के समापन पर पूरा मैदान जनजातीय गीतों, मांदर की थाप और पारंपरिक नृत्य से गूंज उठा। बड़ाबालजोड़़ी गाँव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कोल्हान की मिट्टी में संस्कृति, एकता और परंपरा की गहरी जड़ें आज भी जीवित हैं।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में षिरजोन कमेटी के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे इंटक जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर दास, जगन्नाथपुर प्रखंड अध्यक्ष ललित कुमार दोराईबुरु, नोवामुंडी प्रखंड उपाध्यक्ष सह पेटेता मुखिया जेना पुरती, प्रखंड उपाध्यक्ष सुरज चाम्पिया, मुंडा सोमनाथ सिंकु, महासचिव रुप सिंह लागुरी, कांग्रेस महासचिव रंजीत गगराई, रोशन दास, दानिश हुसैन,मामूर कासमी, बुधराम चातोंबा, सुशील हेस्सा, मथुरा, राम गोप,मोरान सिंह कराई, आलोक पांडेय आदि षिरजोन कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।




