स्लॉग: पद यात्रा शहरबेडा गांव से दलमा चेकनाका पहुंचे सभी ने आक्रोष दिखाते हुए ।रजनी और चम्पा दोनो को जंगल में एक एकड़ जमीन में खुले आजादी में रखा जाए । पौष्टिक भोजन क्यों नही मिलता ।
सरायकेला एंकर : सरायकेला खरसावां जिला चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के चाकुलिया मकुलाकोचा स्थित चेकनाका पर दो रेस्क्यू हाथी चम्पा ६५ वर्ष ओर रजनी हाथी १४ वर्ष विगत कोई वर्षो से वन एब पर्यावरण विभाग द्वारा दोनो हाथी का देखा रेख करते आए ।
कहावत है आदिवासियों का मांग रहता है ।जल जंगल जमीन हमारा हे। परंतु सवाल यह उठता है हाथी किसका है ।कोई बार गजराज द्वारा गांव में क्षत्रि पूर्ति करता तो उसका जिम्बेवार वन विभाग पर आरोप लगाया जाता है। आज गजराज की आतंक से जनजीवन अस्तवस्त रहने लगा दूसरी ओर साम होते ही गजराज का झुंड जंगल छोड़कर गांव में उतर जाते है और उपद्रव मचाते रहते हे।जिसे जनजीवन प्रभावित रहता है।
शहरबेड़ा गांव से मकुलाकोचा दलमा चेकनाका पदयात्रा
आज शहरबेड़ा गांव से मकुलाकोचा दलमा चेकनाका पदयात्रा में सेकडो महिलाए पुरुष हाथ में ताखा लेकर नारेबाजी करते हुए मांग किया जल्द दोनो हाथी को आजाद करे ।
जंजीरों से आजाद कराने के सवालों को लेकर आज संयुक्त ग्राम सभा मंच के संयोजक शुकलाल पहाड़िया के नेतृत्व में एक टीम दलमा पहाड़ के तराई क्षेत्र में संवाद चलाया जा रहा है । यह उम्र दराज की गजराज चम्पा हथनी और रजनी हाथी को छोड़ने की बाते सामने आते हैं।यह हथनी आज जंजीर में बंधा हुए उसे जंगल में छोड़ देने से किया इस हथनी दोनो को जंगल के बाहुबली गजराज अपनाएंगे । यह गजराज द्वारा गांव में घुस कर उत्पात मचाएंगे या ग्रामीणों का जान भी चली जाएंगे तो दोनो हाथी का द्वारा क्षत्रि पूर्ति का जिंबेबार कोन होगा ।
दलमा तराई के विभिन्न प्रखंड में संवाद के दौरान चंपा व रजनी के जंजीर में कैद को लेकर काफी आक्रोश है। लोगो ने कहा कि ये हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है कि हमारे राज का राज्यकीय पशु जंजीर में कैद है ,तो मतलब साफ है कि हम सब जंजीर में कैद हैं। ये आजादी सिर्फ चंपा व रजनी का सवाल नहीं है ये आजादी हमारे लिए भी उतना हि महत्वपूर्ण है। जंगल किनारे एक एकड़ जमीन पर दोनो हाथी को खुले में रखा जाए ।इसे भी आजादी चाहिए ।ओर पौष्टिक भोजन दिया जाए । प्रतिदिन सेकडो पर्यटक दलमा जंगल में भ्रमण करने पहुंचते है।जिसका रेविन्यु सरकार के पास पहुंचते है।फिर भी पालतू हाथी व हिरण एब सांबर को भरपेट भोजन नहीं उपल्ब्ध नहीं कराए जाते ।इसका कारण किया है।
बाइट : ग्रामीण महिलाए
वाइट: सुखलाल पहाड़िया संदेश
रजनी व चम्पा हाथी को एक एकड़ जमीन जंगल में खुले आजादी के साथ रखे ,साथ ही दोनो हाथी का भोजन में मेनू के अनुसार भोजन दिया जाए विभाग दोनो का भोजन नहीं देते है उसका भोजन कोन खा जाता है ।आज पद यात्रा ने सेकडो ग्रामीण महिलाए हाथ में तखा लेकर वन विभाग प्रति आक्रोसित रैली निकाला गया ।विभाग हमारे मांगे नहीं मानते तो आगे का नीति उलगुलाल जारी रहेगा ।
Tags
Saraikela kharsawan