ग्रामीण संवेदक संघ नें खोला मोर्चा कहा पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन पूरी सिस्टम को ताक में रखकर भ्रष्टाचार की गंगोत्री में लगा रही है डुबकी, किया है देवघर का कनेक्शन


ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल चाईबासा पर क्यों है मेहरबान एक स्टोर किपर बीटी सिंह को प्रमंडलीय रोकड़ पाल बनाया वहीं डिस्पेज कर्मी मनोज यादव को दिया गया 158 योजना का फाईल


फर्जी आदिवासी पदाधिकारी डीडीसी संदीप बक्सी यदी सही है तो क्यों नहीं किया जा रहा शिकायतकर्ता पर कार्रवाई। यदी फर्जी आदिवासी बनने का प्रमाण पत्र है डीडीसी पर तो होनी चाहिए कार्रवाई।

कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान करवा रहे सीएस के नाम पर वसूली!

 चाईबासा ( संतोष वर्मा ) :  मझगांव विधायक निरल पूर्ति के विधायक प्रतिनिधि और ग्रामीण संवेदक संघ के अध्यक्ष सुनील सिरका ने पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन के सिस्टम पर किया प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी सिस्टम को ताक में रखकर भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहा है। सुनील सिरका ने कहा कि  ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल पश्चिमी सिंहभूम पर जिला प्रशासन विशेष मेहरबान है। यही कारण है कि एसीबी ने विशेष प्रमंडल के रोकड़पाल को 50000 रूपए घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। घूस लेते गिरफ्तार रोकड़पाल बीटी सिंह सिर्फ एक मोहरा है जबकि पूरा प्रशासन भ्रष्टाचार का खुला खेल फर्रुखाबादी की तरह खेल रहे हैं। 

भ्रष्टाचार के खेल में सभी लोग गंगा नहा रहे हैं। 

इस भ्रष्टाचार पर ना ही कोई अंकुश लगाने वाला है और ना ही पूरे सिस्टम को ताक पर रखकर काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच करने वाला है। स्थिति यह है कि यहां के अधिकारियों को ना ही कोई जांच का डर है और ना ही एसीबी और ईडी का डर है। बीटी सिंह की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। विशेष प्रमंडल की आड़ में पूरा प्रशासन भ्रष्टाचार का खेल खेल रहा है। 

VIDEO...
ग्रामीण संवेदक संघ के अध्यक्ष सुनील सिरका

सुनील सिरका ने कहा कि यही कारण है की विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान पर जिला प्रशासन विशेष मेहरबान है। विशेष प्रमंडल को अधिकांश योजना दिया जा रहा है। विशेष प्रमंडल को करोड़ों का फंड दिया जा रहा है। इस योजना के कार्यान्वयन के नाम पर भारी कमीशन वसूली की जाती है। यही कारण है कि आदिवासी बहुल जिला में विकास और कल्याणकारी योजनाओं में विशेष प्रमंडल के अभियंता सीएस और जिला के नाम पर प्रशासनिक सांठगांठ से दोनों हाथों से लूट रहे हैं। 

इस पर कोई माननीय और पदाधिकारी कुछ भी नहीं बोलने को तैयार है। 

सुनील सिरका ने कहा कि जब तक विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को संवेदक कमीशन नहीं देते हैं तब तक कार्यादेश नहीं दिया जाता है। विशेष प्रमंडल को अधिक योजना देकर जिला परिषद को पंगु बना दिया। वहीं 3 साल से एनआरईपी को नजर अंदाज कर दिया गया है। ऐसे में विशेष प्रमंडल को कार्य क्षमता से अधिक कार्य देना जिला प्रशासन की मंशा को दर्शाता है। 

विशेष प्रमंडल को जिला स्तर और अन्य विभागों के कार्य से मुक्त रखा जाए - विशेष सचिव, रामकुमार सिंहा

सुनील सिरका ने कहा कि विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुनील चंद्र नाथ ने 17 अक्टूबर 2022 को उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि विशेष प्रमंडल को जिला स्तर और अन्य विभागों के कार्य से मुक्त रखा जाए। इसके लिए उन्होंने कई कारण बताए थे, जो उनके द्वारा लिखे गए पत्रांक 1405 दिनांक 17 अक्टूबर 2022 में दर्शाता है। उसे पर भी तुर्रा यह है कि सरकार के विशेष सचिव रामकुमार सिंहा ने भी ग्रामीण विकास के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता को भी जिला स्तर और अन्य विभागों के कार्य को नहीं करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके जिला प्रशासन इस विभाग पर विशेष मेहरबान है। 

भूमि संरक्षण विभाग पर भी गंभीर आरोप

सुनील सिरका ने कहा कि विशेष प्रमंडल के द्वारा नए संवेदकों को परेशान किया जाता है। नए संवेदकों को कार्य का आवंटन नहीं किया जाता है। जबकि ग्रामीण विकास विभाग का स्पष्ट आदेश है की नए संवेदकों को कार्य में प्राथमिकता दिया जाए। सुनील सिरका ने भूमि संरक्षण विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भूमि संरक्षण विभाग चाईबासा की ओर से स्वीकृत डीप बोरिंग योजना में जय जगन्नाथ इंटरप्राइजेज के द्वारा पुराने मशीन की सप्लाई कर दिया गया है। शिकायत के बावजूद भी पुराने जनरेटर सेट को नहीं बदल गया है। 

VIDEO....

सुनील सिरका ने कहा कि बीटी सिंह को भंडारपाल से रोकड़पाल बना दिया गया है। घूस लेते बीटी सिंह के जमशेदपुर स्थित आवास पर एसीबी की टीम के द्वारा छानबीन करने पर एक डायरी बरामद हुई है। उसे डायरी में कई राज छिपे हुए हैं। राज खुलने से कई कलई खुलने की आशंका है। कयास लगाया जा रहा है कि उस डायरी को गायब करने या दबाने के लिए जिले के आला अधिकारियों की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। वहीं यह कयास लगाया गया कि कहीं देवघर कनेक्शन का लाभ तो नहीं मिल रहा है जितेंद्र पासवान को। ऐसा इसलिए चर्चा हो रहा है कि जिला का मुखिया प्रशिक्षु आईएस के तौर पर देवघर में थे उसी प्रकार स्पेशल डिविजन के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान और जिला योजना पदाधिकारी राजिव रंजन सिन्हा आदी भी देवधर में पदस्थापित थे। 

ईडी व सीबीआई से जांच कराने का मांग 

इसका जिता जागता उद्यारण देखने को मिल रहा है कि जिला प्रशाषन विशेष प्रमंडल पर इतना मेहरबान है कि ग्रामीण विकाश विभाग वशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता जितेंद्र पासवान को चाईबासा नगरपालिका का भी चार्ज दिया गया तथा जिला परिषद का भी कार्यपालक अभियंता का प्रभार दिया गया है और आज किसी वभाग का योजना चाहे डीएमएफटी से हो या एसीए हो या और कोई मद का योजना हो सभी योजना विशेष प्रमंडल से ही होगा। साथ ही यह भी कहा गया कि एक आदिवासी पदाधिकारी आया तो उसको बंदगांव भेज दिया गया एक साजीश के तरह एक फर्जी आदिवासी पदाधिकारी। वहीं यह कहा गया यदी कार्रवाई नहीं होती है तो ईडी व सीबीआई से जांच कराने का मांग करेगें।

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post