चाईबासा ( जगदीश सुंडी ) : सदर प्रखंड के मौजा खूंटा गांव में पिछले 10 दिनों से आदिवासी समाज और गौड़ समाज के बीच मवेशी चरवाह को लेकर उत्पन्न विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस सिलसिले में आज आदिवासी समाज के प्रतिनिधि पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त महोदय को आवेदन देकर इस विवाद को सुलझाने का आग्रह किया और साथ ही इस विवाद को उत्पन्न करने में साजिश रचने वाले व्यक्ति के ऊपर जांच कर विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है। ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना ना दोहराई जाए और समाज में शांति का माहौल कायम रहे एवं सभी जाति के लोग गांव में आपस में भाईचारे की भावना से मिलजुल कर प्रेम से रहें।
प्रतिनिधिमंडल ने अपने पत्र के माध्यम से उपायुक्त महोदय को अवगत कराया कि दूसरे गांव के व्यक्ति जितेंद्र गोप ने गौड़ समाज के लोगों को अखबार एवं सोशल मीडिय के माध्यम से आदिवासी समुदाय के ऊपर झूठा एवं बेबुनियाद आरोप लगाकर समाज में अशांति फैलाने का प्रयास किया जो काफी निंदनीय है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि गौड़ समाज के लोगों को घर में बंदी बनाकर रखा गया है जो बिल्कुल गलत और बेबुनियाद है। यहां तो सभी गौड़ समाज के लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं कोई किसी प्रकार का दबाव बिल्कुल नहीं है।
गाय बैलों को चराने से मना करने पर विवाद उत्पन्न हुआ
प्रतिनिधिमंडल ने पत्र के माध्यम से उपायुक्त महोदय को अवगत कराया कि गांव में कोई बड़ा विवाद नहीं था जो आज इतना बढ़ा चढ़ा कर के दिखाया जा रहा है। यहां गौड़ समाज के दो परिवार के लोग गांव के गाय- बैलों को चराने का काम करते हैं और इन्हीं से इनके परिवार का भरण पोषण भी होता है एवं अपने बाल बच्चों को भी पढ़वा रहे हैं। और इन परिवारों को अपनी पेशा से कोई परेशानी नहीं है। पहले भी चराह रहे थे और अब भी चराह रहे हैं। यहां विवाद उत्पन्न तब हुआ जब गांव के ही डिबर गोप ने गाय बैलों को चराने से मना कर दिया जो कि उनके परिवार इस पेशे से जुड़ा हुआ नहीं है। उनके ऊपर इतना दबाव बनाया कि डर से यह परिवार मवेशियों को चराने से इंकार कर दिया।
इस विवाद को सुलझाने के लिए गांव में ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई परंतु डिबर गोप आने से इंकार कर दिया और सीधा थाना जाकर शिकायत दर्ज कराई। इस विवाद को सुलझाने के लिए थाने से थाना प्रभारी, प्रखंड से सीओ और BDO ने आकर मामले का समाधान किया है। चरवाह चराने के लिए सहमत भी हो गए थे परंतु फिर से डिबर गोप के दबाव में आकर चढ़ाने से इनकार कर दिया।
मवेशी चरवाह को लेकर आदिवासी समाज और गौड़ समाज के बीच उत्पन्न विवाद को लेकर आदिवासी समाज के प्रतिनिधि उपायुक्त महोदय को आवेदन देते हुए। प्रतिनिधिमंडल में-सिकंदर बारी ग्रामीण मुंडा, सिद्धेश्वर कलुंडिया, पांडु कलुंडिया , ब्रह्मानंद पुरती, लखन बारी, लक्ष्मण बारी, बुधन सिंह बारी, चारण बारी, पलवान बारी, वीर सिंह पुरती, पुंडुवा सिंह पुरती, पुटे बारी इत्यादि।
उपायुक्त से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल -सिकंदर बारी(ग्रामीण मुंडा), सीधेश्वर कलुंडिया, बीएन पुरती, पंडुवा कलुंडिया, लखन बारी, बुधन सिंह बारी, चरण बारी, वीर सिंह फुर्ती, पलवान बारी, फुटेज बारी इत्यादि।