दिल्ली चलो का संदेश लिए पदयात्रा के दौरान सरायकेला पहुंचे आदि संस्कृति विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष व टीम का सरायकेला में हुआ भव्य स्वागत, और टीम ने किया गुरु लाको बोदरा के प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित


सरायकेला ( दीपक कुमार दारोघा ) : हो भाषा (वारंग क्षिति लिपि) को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु दिल्ली चलो का संदेश लिए पदयात्रा के दौरान जिला मुख्यालय सरायकेला पहुंचे आदि संस्कृति विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह हांसदा व टीम का स्थानीय गैरेज चौक में भव्य स्वागत हुआ।


हो समाज महासभा के जिला अध्यक्ष गणेश गागराई, जिला परिषद सदस्य लक्ष्मी सरदार ने उन्हें स्वागत किया। मौके में आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिला अध्यक्ष विष्णु बानरा ने कहा कि हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग को लेकर दिल्ली चलें। 21 अगस्त को जंतर मंतर दिल्ली में कार्यक्रम है। इस दौरान आदि संस्कृति विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष दामोदर सिंह हांसदा ने कहा कि हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु संदेश लिए पदयात्रा के दौरान जन-जन तक पहुंचेंगे। 


वारंग क्षिति लिपि के खोजकर्ता गुरु लाको बोदरा की जन्मस्थली ग्राम पासिया, प्रखंड खूंटपानी( पश्चिम सिंहभूम) से पदयात्रा शुरू की गई। दूसरे दिन मंगलवार को सरायकेला पहुंचे। सरायकेला से खरसावां, कुचाई, चक्रधरपुर, गोइलकेरा होते हुए 15 दिवसीय पदयात्रा गुरु लाको बोदरा की कर्म स्थली जोड़ापोखर झिंकपानी में संपन्न होगी।मौके में हो समाज के लोगों ने "दोलाबु दिल्ली" का नारा बुलंद किया। पदयात्रा के दौरान यहां से टीम बिरसा चौक पहुंची। और भगवान बिरसा को नमन किया। 


मौके में हो समाज की महिलाओं ने पदयात्रा में आई टीम का भव्य स्वागत किया। मानकी मुंडा संघ के कोल झारखंड बोदरा, झारखंड आंदोलनकारी मंच के कोल्हान संयोजक राजकिशोर लोहरा भी पदयात्रा में आई टीम का स्वागत करने वालों में शामिल थे। पदयात्रा के दौरान यहां से टीम बड़बिल पहुंची एवं आदिवासी सांस्कृतिक कला भवन परिसर में स्थित गुरु लाको बोदरा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मौके में हो महासभा के पदाधिकारी व सदस्यगण भी उपस्थित थे।

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