यह लोकसभा चुनाव के बहाने झामुमो हो आदिवासी समुदाय की अस्तित्व को समाप्त करना चाहती हैं - पूर्व विधायक जवाहरलाल बानरा


चाईबासा : झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के द्वारा भाजपा एवं भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ लगातार अर्नगल प्रलाप किया जा रहा है, मंत्री स्तर के नेता भी क्षेत्रवाद का सहारा लेकर भोले- भाले ग्रामीणों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। प्रतिक्रिया स्वरूप भाजपा के पूर्व विधायक जवाहरलाल बानरा ने कहा की झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा के ऊपर में आदिवासी, दलित, पिछड़ा विरोधी होने का जो आरोप लगा रही है, शायद भूल गई की झारखंड मुक्ति मोर्चा पूर्व में एनडीए के अंग रह चुकी है,और भाजपा के समर्थन से झारखंड में दो बार सरकार में सम्मिलित रहे। यह अलग बात है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की गलत मनसा पूरी नहीं हुई।


झामुमो के नेताओं के द्वारा संविधान, आदिवासी, दलित, पिछड़ों की बात की जाती हैं, परंतु अब जब पिछले 4 वर्षों से कांग्रेस राजद के साथ सरकार में रहे भ्रष्टाचार के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा, झारखंड बना तब से 5 बार सत्ता झामुमो के हाथ में आई, पर जनता को मुद्दों में बरगला कर आदिवासी दलित पिछड़ों के उत्थान के लिए कोई कानून धरातल पर नहीं उतार पाए। जिसका कुपरिणाम आदिवासी दलित और पिछड़े को भुगतना पड़ रहा है, क्लास 3rd ग्रेड और 4th ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय नीति नहीं बनने के कारण बाहरी लोगों को भी नौकरी मिल जा रहा हैं, और यहां के लोगों का हकमारी हो रहा है।

आदिवासी पिछड़े दलित के अधिकारों की रक्षा केवल भाजपा ही कर सकती हैं, झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार में लिप्त है।

गुरु जी की आंदोलनकारी पार्टी चेलों के हाथों में आने के बाद भ्रष्टाचार के कारण झारखंड का बंटाधार हो गया।
सिहभुम लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव में वादा खिलाफी के कारण झामुमो के प्रति आक्रोश है,अब तक गांव का दौरा नहीं कर रही है,झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी जोबा माझी।

संसदीय चुनाव के आड़ में झामुमो के विधायक विधानसभा चुनाव में अपनी विधायकी बचाने का मॉक ड्रिल कर रहे हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा का विकास से कोई लेना-देना नहीं है, कितना अबुआ आवास धरातल पर उतरा बताएं? राज्य सरकार के द्वारा किन लोगों को पेंशन दी जा रही है? झारखंड सरकार में विकास योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, जनता ने बार-बार झारखंड मुक्ति मोर्चा को जिताकर सरकार बनाने का मौका दिया, पर खोखले वादे और दावे के अलावा कुछ नहीं हुआ। 

डीएमएफटी फंड से कोल्हान की जनता की दशा और दशा सुधारी जा सकती थी, जबकि पूरे कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के सभी विधायक रहे परंतु गलत नीति और नियत के कारण ऐसा हो ना सका, जनता इनकी गलत नियत को पहचान चुकी है, और आम जनता आसन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को जीतने का निश्चय कर लिया है।

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