ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव संजीव कुमार लाल के नौकर के घर से ईडी की छापा मारी में मिला करोड़ों रुपए का संबंध टेंडर मैनेज और ट्रासंफर पोस्टिंग से है
चाईबासा/संतोष वर्मा : ईडी की छापामारी से माफिया अभियंता और मंत्री के चहेते ठीकेदारों की बेचैनी बढ़ गई है,विशेष रूप से जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता जेपी सिंह,ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता राम प्यारे प्रसाद,ग्रामीण विकास विशेष के मुख्य अभियंता अवधेश कुमार ईडी के रडार पर आ गए हैं,यह सब मंत्री और संजीव लाल के प्रिय पत्रों में से हैं। तीनो अभियंताओं की चलती इतनी है कि किसी भी समय विभाग से अपने पक्ष में कोई भी आदेश निकलवा सकतें हैं।ग्रामीण कार्य विभाग में संजीव लाल की तूती बोलती है,इनके आदेश के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी मिल रही है कि ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री आलमगिर आलम के चहेते ठीकेदारों भी रडार पर हैं। ग्रामीण कार्य विभाग के आर्थिक वित्ती सलाहकार और टेंडर कमिटी के सदस्य रंजीत रंजन प्रसाद भी टेंडर मैनेज और ट्रासंफर पोस्टिंग के खेल में शामिल होने की चर्चा है। नौकर के घर से करोड़ो रूपए मिलना आश्चर्य नहीं है, यह तो मंत्री और संजीव कुमार लाल के तरफ इशारा कर रहा है, एक नौकर के पास इतना रुपया कहां से आया, और यह रुपया किसका है, यह सब ईडी को पता है,कुछ समय बाद सब पिक्चर सामने देखने को मिल जायेगा।ऐसे एक बड़ी खबर मिल रही है कि संजीव लाल इस मामला को अपने और मंत्री से हटा कर और कोई मामला बनाने के लिए भाजपा के एक बड़े नेता की शरण में हैं।
ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता बिरेंदर राम की तरह यह मामला है,जांच होने पर क्रीक पोस्ट पर पोस्टेड माफिया अभियंता भी घेरे में होंगें। ग्रामीण कार्य विभाग के सभी पदाधिकारी और अभियंता की चल अचल सम्पत्ति की जांच होने पर और भी बहुत कुछ सामने आ सकता है। आलम गिर आलम के कार्य काल में जितनी भी टेंडर प्रक्रिया का पुरा किया गया है, सब में भारी गड़बड़ी हुई है, साथ ही जेएसआरआरडीए में रिवाइजड डीपीआर एस्टीमेट का खेल भी खुब हुआ है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी से के अनुसार नौकर तो बहाना है, असल में संजीव कुमार लाल और मंत्री का खजाना है।ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव संजीव कुमार लाल के नौकर के घर से ईडी की छापा मारी में मिला करोड़ों रुपए का संबंध टेंडर मैनेज और ट्रासंफर पोस्टिंग से है। मंत्री के चहेते ठीकेदारों और माफिया अभियंताओं की चल अचल सम्पत्ति की जांच होने की चर्चा। मंत्री और संजीव लाल के नजदीकी जेपी सिंह, राम प्यारे प्रसाद, अवधेश कुमार की पोस्टिंग चर्चा में है।
जेएसआरआरडीए में चार साल में हुए रिवाइज डीपीआर में करोड़ों राशि की लूट हुई है, जिसकी जांच ईडी कर सकती है।संजीत कुमार लाल के नौकर के घर में ईडी की रेड पड़ते ही ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल जमशेदपुर में हड़कम मच गया है, किया इस रेड से इस प्रमंडल का कोई कनेक्शन हो सकता है।