विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा जगन्नाथपुर में किया चक्का जाम. सुबह से लेकर शाम तक नहीं चलने दिया गया वाहनो को


जगन्नाथपुर: भूमि अधिग्रहण, पेसा कानून लागू करने, शिक्षा व्यवस्था, तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण, मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने, 5वीं अनुसूची लागू करने, आदिवासियों के धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के साथ हुई छेड़छाड़ एवं अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों द्वारा बुधवार को पूरे जगन्नाथपुर में चक्का जाम कर दिया गया.हलाकि दुकान खुली रही पर मोटरसाइकिल छोड़कर छोटी बड़ी बहनों को जाने नहीं दिया गया.

जगन्नाथपुर मुख्य बस स्टैंड में आदिवासी संगठन द्वारा वाहनों को रोक दिया गया है. चारो और आने वाले मुख्य चौक पर सभी रास्ता बांस देकर रास्ता बंद कर दिया गया. सड़क के बीचों बीच  को खड़ा कर सड़क जाम कर दिया गया.वही बंद के आह्वान के कारण बस स्टैंड से एक भी बसों का परिचालन नही हुआ. जिस कारण से यात्री परेशान रहे.मोटरसाईकिल छोड़कर सभी छोटे बड़े वाहन जाम में फंसे रहे।यह जाम सुबह 9 बजे से पाँच बजे शाम तक रहा.


जगन्नाथपुर में आदिवासी हो समाज महासभा के जगन्नाथपुर अनुमंडल अध्यक्ष समियल लागुरी  ने बताया कि तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण कर सड़क बनाए जाने का आदिवासी समाज पर जोर विरोध करता है. विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन हड़पना नहीं चलेगा. झारखंड राज्य में जल्द से जल्द पेसा कानून लागू कर देना चाहिए जो 1996 पी पेसा कानून बना लेकिन लागू नहीं हुआ. पी पैसा आदिवासियों का सुरक्षा कवच है. आजादी के बाद से आदिवासी बहुत क्षेत्र में पांचवी अनुसूची लागू है. उसके बावजूद भी केंद्र एवं राज्य सरकार इसे शक्ति से लागू नहीं कर रही है. आदिवासियों की जमीन व जल जंगल जमीन को बचाने के लिए पांचवी अनुसूची लागू करवाना जरूरी है. जबकि राज्य व केंद्र सरकार पेसा कानून को लागू नही कर रहे हैं. तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण करने को लेकर ग्रामीणों के साथ हुए मारपीट के विरोध में आज कोल्हान बंद किया गया है.

मौके पर बंद समर्थन में मुख्यरुप से आदिवासी हो समाज महासभा के जगन्नाथपुर अनुमंडल अध्यक्ष समियल लागुरी, प्रखंड अध्यक्ष सुर्दशन लागुरी, जुनेश पुर्ती, (कोल्हान आदिवासी अधिकार मंच अध्यक्ष ) झारंखड अंदोलनकारी नवाज हुस्सेन, मानकी कामिल केराई, जगन्नाथपुर मुंडा विकास महापत्रो, जितुंगढ़ा मुंडा सोमनाथ सिंकु, संग्राम सिंह, मनोज तुबिड़, धुनाराम हेस्सा, दिनेश सिंकु, सुरेद्र सिंकु, ईश्वर सिंकु, जेना बोबोंगा, विवेक लागुरी, जयसिंह लागुरी, अजय सिंकु, संजय सिंकु, मंगल सिंह सिंकु, आदिवासी सेंगल अभियान प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र सुंडी, अजय सिंकु सहित काफी संख्या में विभिन्न संगठन के लोगों उपस्थित थे.

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