पीएमजीएसवाई की योजना को लम्बित रखने वाले संवेदकों को नया कार्य आवंटित नहीं करने की विभागीय मंत्री से करेंगें मांग
संवेदक आरोहण बिल्डर और आदर्श पर कड़ी करवाई की जाने की संभावना,दोनो संवेदक को नए कार्य आवंटित नहीं करने के लिए विधायक मिलेंगेँ मंत्री से
जिला स्तर की योजनाओ को समय पर शीघ्र पुरा कराने के लिए विधायक संवेदकों के साथ करेंगें बैठक
विधायक अपने क्षेत्र में पेंडिंग रखने वाले संवेदकों की सूची सभी कार्यपालक अभियंता से मांगी,संवेदकों में हड़कंप
चाईबासा/संतोष वर्मा: सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के जगन्नाथपुर और नोआमुंडी प्रखंड में अधुरे सड़क कार्य को पुरा कराने के लिए विभागीय सचिव से मिलेंगे विधायक। संवेदक आरोहन बिल्डर अशोक प्रधान जगन्नाथपुर प्रखंड में तीन सड़क का कार्य को अधुरा रखने और सैलेश सिंह के द्वारा नोआमुंडी प्रखंड में सड़क कार्य को विगत छः माह से बंद रखे जाने के कारण जनता को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जनता अपनी दिक्कत को स्थानीय विधायक को बताने पर मजबूर हैं।
कार्यपालक अभियंता की उदासीनता के कारण अब तक कोई भी पत्र संवेदक को नहीं दिए जाने की सुचना को लेकर विधायक गंभीरता से लिया है मामले को। दोनो संवेदकों अशोक प्रधान अरोहन बिल्डर और संवेदक जसौली आदर्श सैलेश सिंह के कार्य से स्थानीय लोग संतुष्ट नहीं हैं। कार्य में गुणवत्ता भी नहीं होने की बात कही जा रही है, लेकिन कराए गए कार्य के विपरित प्राक्कलन के अनुरूप विपत्र बना कर राशी का भुगतान किया गया है, इसकी भी शिकायत मंत्री से करने की बात कही जा रही है।
संवेदकों की संलिप्त होने की भी चर्चा है। विधायक के कड़े रुख से प्रमंडल के अन्य संवेदक सकते में हैं। दूसरे विधायक भी अपने क्षेत्र के योजनाओं पर गभीर होते दिख रहे हैं। विधायक अपने क्षेत्र में विधानसभा चुनाव से पहले सभी सड़कों को पूरा कराने पर जोर दे रहे हैं।
वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल चाईबासा में सड़क मरम्मत के नाम पर लूट किया जा रहा है।
जबकी ग्रामीण मुण्डा कुशल लागुरी दीरी लागुरी राजू लागुरी द्वारा घटिया सड़क निर्माण कार्य को लेकर विरोध जताते हुए जांच की मांग किया गया था। ग्रामीण मुण्डा के शिकायत पर ही सड़क कि जाँच के टीम विभाग कनीय अभियंता अशोक कुमार के द्वारा कोल्टि जाँच में रंजन कुमार चौधरी लखन कुमार और संवेदक शैलश सिंह भी मौजूद थे। जिसमे चर्चा है जांच में लोपापोती कर संवेदक को राशी का भुगतान भी कर दिया गया है।