वारंगक्षिति लिपि के जनक गुरु कोल लाको बोदरा की जयंती में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन हुए सम्मानित, कहा- आदिवासी परंपरा को बचाने की दिशा में भाजपा ही सम्मान दिया


सरायकेला/दीपक कुमार दारोघा: आदिवासी हो समाज महासभा द्वारा सरायकेला के बड़बील आदिवासी संस्कृति कला केंद्र परिसर में आयोजित वारंगक्षिति लिपि के जनक गुरु कोल लाको बोदरा की जयंती में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का समाज के लोगों ने किया भव्य स्वागत।


कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि वारंगक्षिति लिपि को मान्यता मिले वर्षों पुरानी मांग थी। देश के गृहमंत्री से आश्वासन मिला है। उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा को बचाने की दिशा में भाजपा ही सम्मान दिया।

इससे पहले जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने हो भाषा लिपि को मान्यता दिलाने की लड़ाई में भरपूर सहयोग के लिए पूर्व सीएम श्री चंपाई सोरेन का प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम श्री चंपाई सोरेन ने हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए जो कदम उठाया इसके लिए हो समाज महासभा की टीम द्वारा इन्हें सम्मानित किया गया।


सम्मानित करने वालों में हो समाज महासभा के सावित्री कुदादा, मनोज सोय, सावित्री सोय, सावन सोय, सुरेश हेंब्रम आदि शामिल थे। मौके में हर्षोल्लास का माहौल रहा।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने यहां गुरु कोल लाको बोदरा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

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