जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में चार दीन से डॉक्टर नहीं, ओपीडी, लेबर रूम और एमटीसी चल रहा भगवान भरोसे, कभी भी हो सकती अनहोनी

सीएस के गलत निति और जैंतगढ़ के एक कर्मचारी के चलते चरमराया जगन्नाथपुर सीएचसी का चिकित्सा व्यवस्था

बगैर प्रतिनियुक्ति रद्द किए सीएस निकाल रहा है डॉ बिरेंद्र कुमार का पुनः प्रतिनियूक्ति पत्र


चक्रधरपुरः पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के सिविल सर्जन सुशांत माझी के द्वारा जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थय केंद्र के प्रभार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जयश्री किरण का प्रतिनियूक्ति रद्द किए हुए चार दीन बित चुका है। लेकिन पिछले चार दिनों से जगन्नाथपुर सीएचसी बगैर डॉक्टर के चल रहें है जिसके कारण मरिजों को ईलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही उक्त स्वास्थय केंद्र का एमटीसी, लेबर रूम और आपातकालिन व्यवस्था भी भगवान भरोसे चल रही है।



ज्ञात हो की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जयश्री किरण का प्रतिनियूक्ति 6 सितबंर की रात रद्द कर दिया गया, इसके बाद हाटगम्हरिया सीएचसी में मुल रूप से पदस्थापित झीकपानी सिएचसी में प्रतिनियूक्त प्रभारी डॉ बिरेंद्र कुमार को जगन्नाथपुर सीएचसी में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 6 सितंबर को ही तत्कालिक तौर पर प्रतिनियूक्त कर भेजा गया था, लेकिन डॉ बिरेंद्र कुमार के नहीं आने पर फिर सीएस द्वारा 7 सितबंर को खुंटपानी सीएचसी के चिकित्सक डॉ मनीष सुमब्रुई को जगन्नाथपुर सीएचसी अगले आदेश तक भेजा गया लेकिन डॉ मनीष भी जगन्नाथपुर आकर वापस लौट गये।





फिर डॉ बिरेंद्र कुमार को पुनः अगले आदेश तक जगन्नाथपुर सीएचसी प्रतिनियुक्त पर भेजा गया। अब सवाल उठने लगा की जब डॉ बिरेंद्र कुमार को छह सितंबर की ही भेजा गया तो क्पों 10 सितबंर तक नहीं आए और एक ही पत्र बार बार निकाला जाता है। इससे चर्चा का बिषय बना हुआ है की सीएस के गलत निति के कारण और जेंतगढ़ के एक कर्मचारी के कारण आज जगन्नाथपुर सीएचसी का हाल बुरा है और भगवान भरोसे एमटीसी व लेबर रूम चल रहा है चिकित्सक के अभाव में।


लेकिन मजे की बात तो यह है डॉ बिरेंद्र कुमार का प्रतिनियूक्ती पत्र में लिखा गया है की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जगन्नाथपुर सीएचसी का मेडिकल अॉफिसर यानी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में अगले आदेश तक के लिए भेजा गया है।चार दीन बाद आए भी तो जगन्नाथपुर और जैंतगढ़ स्वास्थय केंद्र का जायजा लेकर वापस चाईबासा लौट गये। अब सवाल उठ रहा है की शाम से लेकर पुरे रात तक चिकित्सा व्यवस्था चार दीन नग्न है। कहीं डॉ जयश्री किरण का प्रतिनिक्ति रद्द करना आन्नफान्न में साजिश तो नहीं।

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