सिरका के पक्ष में सभी समाज और समुदाय के लोगों के समर्थन मिलने के बाद से ही भाजपा के प्रत्याशी गागराई की चिन्ता बढ़ गई है

मझगाँव विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुनील सिरका ने नामांकन पर्चा खरीद कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया

दोनों विधानसभा में झामुमो के निर्दलीय प्रत्याशी की मजबूत पकड़ होने के कारण त्रिकोणीय संघर्ष होने की संभावना

विजय ने चक्रधरपुर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पर्चा खरीदा, विजय अपने नाम का असर विजय श्री होने की बात कही


चाईबासा/संतोष वर्मा: भाजपा ने अपने प्रत्याशियों का टिकट बांटने के बाद झामुमो और काँग्रेस के पास हो चुके सीट शेयरिंग पर अब भी अपने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने में देरी किए जाने से दोनों सत्तारुढ़ पार्टी के बागी नेता नामांकन पर्चा खरीदना शुरू कर दिया है. सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के मझगाँव विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में झामुमो के कद्दावर एवं आंदोलनकारी नेता सुनील सिरका ने नामांकन पर्चा खरीदने से स्पष्ट हो गया है कि पार्टी टिकट नहीं देने की स्थिति में भी चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं, वहीँ चक्रधरपुर की भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. हाँ यहां से विजय सिंह गागराई ने भी नामांकन पर्चा खरीदा है, विजय अपने नाम का प्रभाव इस चुनाव में दिखाने के लिये विजय श्री होने के लिए पर्चा खरीदने की बात कही है. दोनों निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जीत को जनता के नाम करते हुए झामुमो में शामिल होने की भी बात कही है.

सूत्रों के अनुसार मझगाँव में सुनील के लहर के आगे भाजपा का नामोनिशान नहीं रहेगा. पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी बड़कुँवर गागराई के टिकट मिलने के बाद सिरका गुट चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं, ऐसा लगने लगा है कि झामुमो से टिकट नहीं मिलने के बाद भी चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की पुरी तैयारी कर ली गयी है. उसी तरह चक्रधरपुर में भी विजय हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने पर्चा खरीदे जाने के बाद से ही विधानसभा की जनता से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है.

झामुमो अपने दोनों सीट को बरकरार रखने के लिए सिरका और गागराई को टिकट देने पर विचार विमर्श करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है. क्यूंकि झामुमो को एक एक सीट महत्वपूर्ण मानते हुए अपनी जीत को सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए. पार्टी के अंदर वर्षों से झंडा धोने वाले वफादार कार्यकर्ता को नजर अंदाज करना पुनः झामुमो के सत्ता पाने का सपना पुरा होने में ग्रहण लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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