विजय सिंह गागराई बीते पांच सालों में चक्रधरपुर विधानसभा के प्रत्येक बूथ लेवल पर अपना पकड़ बना कर सबसे मजबूत स्थिति में हैं
चाईबासा/संतोष वर्मा: चक्रधरपुर विधानसभा चुनाव में पिछली घटना की पूर्णावीरती होने और परिस्थिति बदलने जैसी होती दिख रही है. हाँ पिछले विधानसभा में झामुमो ने अपने एक बड़े नेता के पैरवी पर अपने ही सिटिंग विधायक शशिभूषण समद का टिकट काट कर सुखराम उरांव को टिकट दे दिया गया था. आज झामुमो में वही पुरानी स्थिति दोहराया जा सकता है.
विजय सिंह गागराई के दावेदारी को झामुमो नकारने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि गागराई ने पांच सालों में अपनी स्वंय की राजनीतिक जमीन तैयार कर ली है.पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गागराई का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, ऐसे में सुखराम का जीत पर ग्रहण लग सकता है. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजय के खड़ा होने से त्रिकोणीय लड़ाई में चक्रधरपुर फंस सकता है.
राजनीतिक सलाहकार और राजनीतिक पंडितों के अनुसार वर्तमान विधायक और भाजपा के सम्भावित प्रत्याशी पूर्व विधायक समद से अधिक मजबूत बताई जा रही है, यहां तक कहा जा रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशी होने के बाद भी विजय एक नम्बर पर रहेंगे. बीते पांच सालों में विजय सिंह गागराई ने बूथ स्तर पर अपना पकड़ बनाने में कड़ी मेहनत की है.
सूत्र के अनुसार झामुमो इस सीट पर अपना जीत पक्का करना चाहती है तो विजय को टिकट देकर विजय बनाने पर विचार करना चाहिए. झामुमो के केंद्रीय नेता के हवाले से विधानसभा में सर्वे के मुताबिक वर्तमान विधायक के खिलाफ कार्यकर्ताओं में भावना देखा जा रहा है. सारी घटना को देखते हुए यह साफ लगता है कि पिछले विधानसभा में हुए घटना की पूर्णाविरती होने जा रही है, यानी कि सिटिंग विधायक का टिकट कटने की भी संभावना है.