सुनील सिरका के पक्ष में मानकी मुंडा संघ का खुला समर्थन मिलने के बाद झामुमो के अन्दर प्रत्याशी चयन करने की चिंतन मंथन का दौर शुरू
ग्रामीण संवेदक संघ और आदिवासी समाज के युवा पीढ़ी के लोग सुनील सिरका के पक्ष में चुनावी माहौल बनाने में जुटे
कोल्हान की जिम्मेदारी संभालने वाले कल्याण मंत्री दीपक बरूआ का सुनील सिरका प्रकरण पर चुप्पी के कई मायने निकाल रहें हैं
बाहरी संवेदक के विरोधी लोग भी सुनील को सभी स्तर पर सहयोग करने के लिए आगे आने की संभावना
चाईबासा/संतोष वर्मा: झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ट नेता सह पश्चिमी सिंहभूम जिला के ग्रामीण संवेदक संघ के जिलाध्यक्ष सह विधायक निरल पूरती के विधायक प्रतिनिधी सुनील सिरका को झामुमो का प्रत्याशी बनाने की मांग मानकी मुंडा संघ के द्वारा किए जाने के बाद मझगाँव विधानसभा में युवा पीढ़ी उत्साहित नजर आ रहे हैं. युवाओं की टोली में सुनील की पकड़ निरल से अधिक है. खास कर आदिवासी समाज में सुनील सिरका को इस बार प्रत्याशी के रूप में देखने का मन बना रहे हैं.
ग्रामीण संवेदक संघ की बड़ी तादाद सुनील के पक्ष में अभी से ही प्रचार प्रसार में लग जाने की सूचना मिल रही है, ऐसा लगता है कि पहले से ही छेत्र के सभी तबके के लोग निरल के जगह वर्षों से पार्टी के प्रति वफादारी निभा रहे नेता को टिकट देने की मुहिम चल रही थी. पार्टी अगर सुनील पर भरोसा करती है तो भाजपा का जीत पाना मुश्किल होगा, पार्टी के अंदर कार्यकर्ता और आदिवासी समुदाय का वर्तमान विधायक के खिलाफ खड़े होने के बाद से ही सुनील का नाम उभर कर सामने आया है. मानकी मुंडा संघ के मांग से यह स्पष्ट हो गया है कि निरल के प्रति आदिवासी समुदाय नाखुश है.
कोल्हान में ST सीट को बरकरार रखने की चुनौती पार्टी के उपर है, किसी भी कीमत पर कोल्हान से भाजपा को सीट जितने नहीं देना चाहेगी. कोल्हान ही हेमंत सरकार को दोबारा सत्ता में वापसी दिला सकती है. अभी तक कोल्हान के चुनावी मैदान में झामुमो भारी दिख रही है भाजपा से. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कितना चुनावी माहौल बदलेगा, बनता बिगड़ता है, यह सब एक सप्ताह के भीतर दिखने लगेगा.