मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि राज्य के किसानों को अधिकतम फायदा पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार कृतसंकल्पित है
चाईबासा/संतोष वर्मा: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सदर प्रखंड के चाईबासा लैंपस परिसर में आयोजित जिलास्तरीय कार्यक्रम के दौरान राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार (निबंधन रहित) विभाग और परिवहन विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा के कर-कमलों द्वारा चाईबासा जिला परिषद अध्यक्ष सुश्री लक्ष्मी सुरेन, जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी की मौजूदगी एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, स्थानीय मानकी-मुण्डा, मुखिया गण, कृषक गण की उपस्थिति में सत्र 2024-25 हेतु धान अधिप्राप्ति योजना का दीप प्रज्वलित तथा फीता काट कर शुभारंभ किया गया।
इस दौरान मंत्री श्री बिरुवा के द्वारा लैंपस में धान अधिप्राप्ति से संबंधित जानकारी प्राप्त करते हुए धान विक्रय के लिए लैंपस में उपस्थित किसान सोमा पूरती को धान अधिप्राप्ति उपरांत वजन के अनुरूप नियमानुसार 50% देय राशि का सांकेतिक चेक प्रदान किया गया। धान अधिप्राप्ति योजना शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि राज्य के किसानों को अधिकतम फायदा पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार कृतसंकल्पित है और इसी के तहत आज 15 दिसंबर से पूरे झारखंड राज्य में लैंपस के माध्यम से धान अधिप्राप्ति कार्य का शुभारंभ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के लिए सरकार का पहल सही समय पर हो रहा है और आगे भी इसे बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों को कहा कि आप सभी बिचोलियों से सावधान रहें, सरकार के द्वारा सत्र 2024-25 में प्रति क्विंटल ₹2300/- तथा ए ग्रेड धान के लिए ₹2320/- इसके अलावे प्रोत्साहन के रूप में ₹100/- दिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस समर्थन मूल्य का अधिकाधिक किसान लाभ उठाएं, इसके लिए आवश्यक है की सभी नियमसंगत कार्यों को पूरा करते हुए ज्यादा से ज्यादा किसान लैंपस में निबंधन करवायें और अपना धान बेचें। उन्होंने कहा कि किसानों को सही समय पर फसल की कीमत प्राप्त हो, यह सभी संबंधित पदाधिकारी की जिम्मेवारी है।
शुभारंभ समारोह में उपस्थित किसानों को बताया गया कि सत्र 2024-25 में धान अधिप्राप्ति हेतु पश्चिमी सिंहभूम जिले का कुल लक्ष्य 3 लाख क्विंटल निर्धारित है। किसानों से धान अधिप्राप्ति करने के लिए जिले के 18 प्रखंड में कुल 17 लैंपस का चयन किया गया है। लैंपस में एक किसान अधिकतम 200 क्विंटल तक धान बेच सकते हैं, इससे अधिक धान बचने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। वहां बताया गया कि लैंपस में जिन किसानों के द्वारा जितना धान बेचा जाएगा, उसके फलस्वरूप वजन अनुसार कुल मूल्य का 50% राशि 24 घंटे में उनके खाते पर हस्तांतरित कर दी जाएगी।