Chaibasa: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-2.0 के तहत वाटरशेड यात्रा के निमित्त समारोह का आयोजन किया गया


चाईबासा/संतोष वर्मा: ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड राज्य जलछाजन मिशन के अंतर्गत पश्चिमी सिंहभूम जिला के तांतनगर प्रखंड स्थित अंगारडीहा गांव में जिला दंडाधिकारी -सह- उपायुक्त कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता एवं उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, सदर चाईबासाञ अनुमंडल पदाधिकारी अर्नव मिश्रा, तांतनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी पवन आशीष, जिला परिषद सदस्य, जिला कृषि पदाधिकारी, अंगारडीहा पंचायत के मुखिया, ग्रामीण व अन्य की उपस्थिति में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-2.0 के तहत वाटरशेड यात्रा के निमित्त समारोह का आयोजन किया गया। 

उक्त समारोह का उपस्थित अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया, तत्पश्चात जल संरक्षण का क्षेत्र में संदेश प्रसारित करने हेतु तैयार वाटरशेड यात्रा प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारी के द्वारा भूमि संरक्षण के संदेश हेतु तालाब किनारे पौधारोपण, जल संरक्षण के तहत लाभुक के खेत में मेढ़बंदी कार्य का भूमि पूजन कर शुभारंभ भी किया गया। 


समारोह में उपायुक्त के द्वारा जल संरक्षण के कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया, साथ ही उनके बीच विभिन्न प्रकार के बीजों का वितरण भी किया गया। इस दौरान उपायुक्त के नेतृत्व में उपस्थित पदाधिकारी एवं सभी किसानों के द्वारा जल संरक्षण एवं संचयन को बढ़ावा देने तथा आसपास के लोगों को इसके लिए प्रेरित करने तथा आने वाले पीढियों को एक बेहतर भविष्य देने का शपथ भी लिया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आज के आयोजन का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण एवं संचयन तथा भूजल के स्तर को बढ़ाने में हम सभी की सहभागिता एवं हमारे दायित्वों से संबंधित है। हम सभी जानते हैं कि पानी हम सभी के जीवन यापन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जल के बिना ना तो हम खेती कर सकते हैं, ना ही मवेशी पाल सकते हैं, इतना ही नहीं स्वयं के लिए भोजन भी तैयार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब आवश्यकता आन पड़ी है कि हम सभी आपस में मिल-बैठकर पानी के लिए भी चिंतन करें। 


ग्राम स्तर पर ग्राम सभा में जल संचयन एवं संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा कर कैसे भूजल के स्तर को बढ़ाएंगे, उस पर विशेष ध्यान दें। उपायुक्त ने कहा कि हमारा यह जिला भौगोलिक दृष्टिकोण से काफी उतार-चढ़ाव वाला है, जिस कारण बारिश का पानी बहकर निकल जाता है और उसका संचयन ठीक से नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि जल संचयन एवं संरक्षण के कार्यों को जन आंदोलन के रूप में संचालित करना आवश्यक है, ताकि हमारे क्षेत्र का भूजल स्तर नीचे ना जाए। 

उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि समारोह में उपस्थित किसान भाई जल संरक्षण एवं संचयन की आवश्यकता को गंभीरतापूर्वक समझेंगे तथा आज यहां उपलब्ध कराए जा रहे आधारभूत एवं तकनीकी जानकारी का प्रयोग कर जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा देंगे। इस अवसर पर उपस्थित उप विकास आयुक्त एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भी वर्तमान समय के परिदृश्य में जल संरक्षण/संचयन के महत्व पर विस्तार से अपनी बातों को रखा गया।

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