CHAIBASA NAXAL BREAKING: सुरक्षा बलों पर हमला सारंडा में छोटानागरा थाना क्षेत्र के मारंगपोंगा क्षेत्र में IED ब्लास्ट, CRPF 193 के दो जवान घायल, रांची ले जाने की तैयारी


चाईबासा/संतोष वर्मा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले मारंगपोंगा क्षेत्र में शनिवार को दोपहर लगभग ढाई बजे एक आईईडी विस्फोट की घटना प्रकास में आई है, इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ की 193 वीं बटालियन के दो जवान घायल हो गए हैं। घायलों में एक सब इंस्पेक्टर और एक अन्य जवान शामिल हैं। शुरूआती जानकारी के अनुसार, एक जवान की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हालांकि यह घटना स्थानीय ग्रामीणों और अन्य सूत्रों से प्राप्त हुई है. इस सबंध में जानकारी के लिए संपर्क साधा गया दुरभाष पर लेकिन नहीं हो पाई. पुलिस की ओर से अब तक किसी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

घायल जवानों को रेस्क्यू कर लाया गया छोटानागरा

ग्रामीण सूत्रों के अनुसार, घटना के तुरंत बाद छोटानागरा थाना से दो एम्बुलेंस और कुछ बोलेरो वाहनों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया था। इन वाहनों के जरिए घायल जवानों को निकालकर छोटानागरा थाना लाया गया। यहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची भेजने की तैयारी की जा रही है।

हेलिकॉप्टर का है प्रतिक्षा है

घायलों को हवाई मार्ग से रांची ले जाने के लिए छोटानागरा में हेलिकॉप्टर का इंतजार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गंभीर रूप से घायल जवान को जल्द से जल्द बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उसकी जान बचाई जा सके।

सुरक्षा घेरे में जकड़ा सारंडा का नक्सली बेल्ट

सारंडा का यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए गए अभियानों के कारण नक्सली संगठन अब सिमटते जा रहे हैं। अब वे अपने बचाव के लिए सुरक्षित माने जाने वाले इलाकों के चारों ओर सैकड़ों की संख्या में आईईर्ड सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं।

 नक्सली खात्मे के अंतिम दौर में, फिर भी सतर्कता जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि सारंडा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी अब अंतिम चरण में है, लेकिन यह खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। इस घटना से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि सुरक्षाबलों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि नक्सली अब भी छिपकर हमला करने की ताक में हैं। यह घटना न केवल नक्सली समस्या के जीवित रहने का संकेत देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों और रणनीतियों के साथ इन चुनौतियों का सामना करना होगा। घायलों की सलामती की दुआ के साथ, क्षेत्र में शांति की जरूरत और भी बढ़ गई है।

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