Chaibasa: प्रशासन उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने श्रमदान से कर डाली जर्जर सड़क की मरम्मत

प्रशासन उपेक्षा से नाराज ग्रामीणों ने श्रमदान से कर डाली जर्जर सड़क की मरम्मत

ग्रामीणों की पहल देखकर सीआरपीएफ ने बांटी खिचड़ी

चाईबासा: सदर प्रखंड के नक्सल प्रभावित गांव अंजेडबेड़ा में ग्रामीणों ने प्रशासनिक उपेक्षा से तंग आकर गांव की कच्ची जर्जर सड़क की मरम्मत श्रमदान से कर डाली। इसके लिये दो गांवों के ग्रामीणों ने चंदे के पैसे से एक जेसीबी तथा चार ट्रैक्टर भी इस काम में लगाया। बरकेला से मंगरा जानेवाली इस जर्जर सड़क के तीन किलोमीटर हिस्से की मरम्मत सिर्फ एक दिन में कर की गयी। इसमें अंजेडबेड़ा तथा सिंगीजारी के ग्रामीणों ने भाग लिया।  सड़क के जर्जर हिस्से को मरम्मत कर आवागमन लायक बना दिया। यह देखकर राहगीरों ने भी स्वेच्छा से चंदा दिया।

इसी से जेसीबी तथा ट्रैक्टरों  के लिये डीजल खरीदा गया। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की जर्जरावस्था से वे बेहद परेशान थे। रोगियों तथा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना भी बेहद कष्टदायक था। रात के अंधेरे में तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती थी। अक्सर दुर्घटनाएं भी हो जाती थीं। लेकिन मरम्मत के बाद अब वे राहत महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर सड़क की मरम्मत की गुहार स्थानीय सांसद व विधायक तथा जिला प्रशासन से भी की गयी थी। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। इसलिये ग्रामीणों ने बैठक कर स्वयं ही श्रमदान से इसकी मरम्मत का बीड़ा उठा लिया।  इस कार्य में मुखिया मोटाय बोयपाई की भूमिका अहम रही।

ग्रामीणों के श्रमदान से प्रभावित होकर स्थानीय सीआरपीएफ कैंप के जवानों की ओर से ग्रामीणों के बीच खिचड़ी बांटी गयी और ग्रामीणों की इस पहल की प्रशंसा की गयी। इस कार्य में फोरेस्टर हरीश सितंबर ने भी योगदान दिया।

इस मौके पर अंजेडबेड़ा के ग्रामीण मुंडा जॉन तामसोय,  सिंगिजारी के ग्राम मुंडा लंकेश्वर सुंडी, हरीश तामसोय, प्यारेलाल तामसोय,प्रधान तामसोय,  तुराम तामसोय, विजय तामसोय, डोमके तामसोय, कांडे गोप, प्रधान कायम समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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