"आदिवासियों पर पुलिसिया दमन की जिम्मेदार है झारखंड सरकार – भाजपा आदिवासी जनजातीय मोर्चा"
संतोष वर्मा
Chaibasa ः भारतीय जनता पार्टी – आदिवासी जनजातीय मोर्चा, झारखंड के अध्यक्ष तीरथ जमुदा नें गुरूवार को ब्यान जारी कर कहा की भोगनाडीह में हूल दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे ग्रामीणों के साथ जिस प्रकार से पुलिसिया दमन हुआ, वह न केवल आदिवासी अस्मिता का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र की भी हत्या है। इस झड़प में घायल हुए लोग किसी सामान्य भीड़ का हिस्सा नहीं थे, बल्कि उनमें से कई शहीद परिवार के वंशज थे। महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा गया, लेकिन आज तक झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार और प्रशासन ने न तो किसी का हालचाल लिया और न ही किसी प्रकार की संवेदना व्यक्त की।
जब सत्ता में बैठे लोग जनता की आवाज को सुनना छोड़ दें, तब लोकतंत्र में विरोध, प्रदर्शन और जुलूस निकालना लोगों का अधिकार बन जाता है। भारतीय जनता पार्टी ने जब इस दमन के खिलाफ और शहीदों को श्रद्धांजलि देने हेतु कदम उठाया, तो झामुमो सरकार घबरा गई और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा को साजिशकर्ता बताने लगी। भाजपा का पुतला जलाना, झूठे आरोप लगाना, यह दर्शाता है कि उनकी लोकप्रियता में कितनी बड़ी गिरावट आ चुकी है।
500 किलोमीटर दूर गढ़वा में किसी को पकड़कर हथियार के साथ जोड़कर घटना को “आतंकवाद” से जोड़ना, साजिश बताना – यह सब पुलिस और सत्ता का राजनीतिक दुरुपयोग है। पुलिस भी आपकी, सत्ता भी आपकी, सरकार भी आपकी – फिर भी अगर प्रदर्शनकारी घायल होते हैं तो यह साफ संकेत है कि शासन में लोकतांत्रिक मूल्यों की कोई जगह नहीं बची है।
मंडल मुर्मू के नेतृत्व में हजारों की संख्या में जो ग्रामीण पहुंचे, वे कोई उपद्रवी नहीं थे, वे अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने आए थे। लेकिन पुलिस ने लाठी और आंसू गैस से उनका स्वागत किया।
हम साफ कर देना चाहते हैं कि भाजपा चुप नहीं बैठेगी। आदिवासी समाज पर किसी भी प्रकार का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा – चाहे सड़क पर आंदोलन करना पड़े या सदन में, भाजपा आवाज उठाती रहेगी।
झारखंड की जनता सब देख रही है। सरकार को अब यह समझ लेना चाहिए कि अगर राज्य निर्माण के उद्देश्य और आदिवासी-मूलवासी हितों की अनदेखी की गई, तो जनता इसका जवाब आने वाले समय में देगी।
–