Chaibasa: मझगांव डिग्री कॉलेज की दुर्दशा उजागर 1000 विद्यार्थियों पर सिर्फ 3 प्राध्यापक, 'हो' विषय की पढ़ाई बंद, शिक्षा सिर्फ दिखावे तक सीमित

मझगांव डिग्री कॉलेज की दुर्दशा उजागर 1000 विद्यार्थियों पर सिर्फ 3 प्राध्यापक, 'हो' विषय की पढ़ाई बंद, शिक्षा सिर्फ दिखावे तक सीमित



संतोष वर्मा

Chaibasa  ःसोमवार को पूर्व लोकसभा एवं विधानसभा प्रत्याशी रहे रामहरि गोप के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा कुमारडुंगी प्रखंड स्थित मझगांव डिग्री कॉलेज का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कॉलेज की शैक्षणिक, प्रशासनिक और बुनियादी स्थिति को लेकर कई गंभीर कमियाँ सामने आईं।


*मुख्य रूप से सामने आई समस्याएं*:- 

1000 विद्यार्थियों पर सिर्फ 3 प्राध्यापक पढ़ाई नाम मात्र की। ‘हो बहुल क्षेत्र’ में कॉलेज होने के बावजूद ‘हो विषय’ की पढ़ाई ठप, जो समुदाय की भाषा-संस्कृति की घोर उपेक्षा है।

लाइब्रेरी, शौचालय, पेयजल व सुंदर फर्नीचर तो मौजूद हैं, मगर लाइब्रेरी में किताबें नहीं, फर्नीचर केवल शोभा बना हुआ है, प्रबंधन और संचालन पूरी तरह निष्क्रिय है। पढ़ाई में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों का मजाक उड़ाया जाना, उन्हें हतोत्साहित करना गंभीर चिंता का विषय है। प्रशासनिक जवाबदेही नगण्य, कॉलेज पूरी तरह उपेक्षित। निरीक्षण दल में ये प्रमुख लोग शामिल थे। अधिवक्ता श्री रमेश जेराई समाजसेवी श्री गुरा सिंकू क्रांतिकारी श्री रेयांश सामाड

रामहरि गोप ने कहा कॉलेज की इमारत तो बनी है, लेकिन शिक्षा की आत्मा शिक्षक, किताबें और माहौल सब गायब हैं। ‘हो’ भाषा की पढ़ाई न होना, सांस्कृतिक अपराध है। विद्यार्थियों का मजाक बनाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


निरीक्षण टीमों कि प्रमुख माँगें:


1. तत्काल पर्याप्त संख्या में प्राध्यापकों की नियुक्ति की जाए।


2. ‘हो विषय’ की पढ़ाई तत्काल शुरू की जाए और विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएं।


3. लाइब्रेरी में किताबें उपलब्ध कराई जाएं, सुविधाओं को सक्रिय किया जाए।


4. प्रशासनिक निगरानी बढ़ाई जाए और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय हो।

यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो यह विषय जन आंदोलन का रूप लेगा, और पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।



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