नाम बदल कर नहीं मिटाई जा सकती श्रद्धा – अटल जी के योगदान को मिटाने का प्रयास, झामुमो-कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण नीति उजागर
संतोष वर्मा
Chaibasa ःझारखंड मंत्रिपरिषद की हालिया बैठक में "अटल मोहल्ला क्लीनिक योजना" का नाम बदलकर "मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लिनिक" किए जाने का निर्णय, कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की तुष्टिकरण की राजनीति का ताजा प्रमाण है। यह निर्णय न केवल अटल बिहारी वाजपेयी जी के योगदान का अपमान है, बल्कि झारखंड की जनता की भावनाओं पर भी सीधा आघात है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ही थे, जिनके नेतृत्व में वर्षों पुरानी मांग को मानते हुए झारखंड राज्य का गठन हुआ। उनका यह योगदान अमिट और ऐतिहासिक है। उनका नाम हटाकर किसी अन्य नाम को थोपना, राजनीतिक स्वार्थ के तहत लिया गया फैसला है – न कि जनहित का
हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी अटल जी के सम्मान से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। झारखंड की जनता जानती है कि यह फैसला एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए लिया गया है – जो कि संविधान की धर्मनिरपेक्ष आत्मा के विरुद्ध है.झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को यह समझ लेना चाहिए कि नाम बदलने से इतिहास नहीं बदला जा सकता और न ही लोगों की श्रद्धा को मिटाया जा सकता है. झारखंड के लोगों ने अटल जी को झारखंड निर्माता के रूप में देखा और पूजा है, उनका नाम जनमानस में सदैव अमर रहेगा. भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है और सरकार से मांग करती है कि इस तुष्टिकरण पूर्ण निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए। अन्यथा प्रदेशव्यापी जनआंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.उक्त बाते भाजपा मिडिया प्रभारी जितेंद्र नाथ ओझा नें प्रेस रिलिज जारी कर कहा.