पश्चिमी सिंहभूम में ग्रामीण आजीविका सशक्तिकरण पर उपायुक्त ने दिए निर्देश
उपायुक्त के द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले के सभी ऐसे गांवों की सूची 14 जुलाई 2025 तक प्रस्तुत किया जाए, जहां अब तक कोई भी स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं हो पाया
संतोष वर्मा
Chaibasa ः पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दण्डाधिकारी -सह- उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS), पलाश तहत संपादित कार्यों की मासिक समीक्षा हेतु बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सहायक समाहर्ता सिद्धांत कुमार, जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशियानी मड़की, सभी जिला प्रबंधक, सभी प्रखंडों के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, तथा जिला स्तर की तकनीकी टीम के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उक्त बैठक में उपायुक्त के द्वारा ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने हेतु पलाश परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों से संबंधित प्रतिवेदन का विस्तार से अवलोकन कर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया गया।
बैठक में समीक्षा के दौरान उपायुक्त के द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले के सभी ऐसे गांवों की सूची 14 जुलाई 2025 तक प्रस्तुत किया जाए, जहां अब तक कोई भी स्वयं सहायता समूह का गठन नहीं हो पाया है। ताकि जिला स्तर से उचित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकता के साथ वहां की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही जिले में ऐसे समूह चिन्हित करने हेतु निर्देशित किया, जिनको सामूहिक आजीविका गतिविधि एवं रोज़गार के वैकल्किप साधनों से जोड़ा जा सके।
समीक्षा के क्रम में उपायुक्त के द्वारा जिले के प्रत्येक प्रखंड में 'दिदी कैफे' की स्थापना के लिए एक स्पष्ट व बिंदुवार कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया, जिससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार और स्वाभिमान दोनों मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गांव और हाटबाजार में हाड़िया बेचने वाली महिलाओं का सर्वेक्षण किया जाए, जिसमें उनकी मासिक आय, एसएचजी से जुड़ने की इच्छा तथा हाड़िया बेचने के स्थान पर वैकल्पिक आजीविका अपनाने की सोच को समझा जा सके।
बैठक में रेशम उत्पादन की संभावनाओं पर विशेष चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिले में इसका व्यापक अवसर हैं। उन्होंने जेएसएलपीएस को निर्देश दिया कि रेशम उत्पादन की वर्तमान स्थिति, संभावित वृद्धि, तथा इससे होने वाली किसान की अनुमानित आमदनी का आकलन कर एक ठोस योजना तैयार किया जाए। इसके अतिरिक्त बैठक में उपायुक्त के द्वारा खुंटपानी प्रखंड में संचालित एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट को बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए बिजली विभाग से समन्वय स्थापित करने हेतु निर्देशित करते हुए हरसंभव प्रशासनिक सहयोग का आश्वासन दिया गया।