"52 करोड़ की दीवारें क्यों हो रही हैं दरारों का शिकार?" "कौन है ज़िम्मेदार?"
- सरायकेला में 100 बेड वाले अस्पताल के निर्माण में लापरवाही
- दीवारों और फर्श पर दरारें, घटिया सामग्री का आरोप
- स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल, जन-स्वास्थ्य से खिलवाड़ की आशंका
सरायकेला: सरायकेला जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए 52 करोड़ की लागत से बन रहा 100 बेड वाला अस्पताल सवालों के घेरे में है। निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ है और दीवारों से लेकर फर्श तक दरारें दिखने लगी हैं।
सरायकेला जिले में बन रहा 100 बेड वाला यह अत्याधुनिक अस्पताल लोगों की उम्मीद बनकर खड़ा हो रहा था, लेकिन अब यह निर्माण खुद बीमार नज़र आ रहा है। 52 करोड़ की लागत से बन रहे इस सरकारी भवन में जगह-जगह दरारें दिखाई दे रही हैं - चाहे वो दीवार हो, फर्श हो या छत।
हैरानी की बात यह है कि इस पूरे अस्पताल भवन को आम ईंटों यानी ‘काला ईंट’ से बनाया जा रहा है, जो मजबूत निर्माण के लिहाज़ से उपयुक्त नहीं मानी जाती।
"इतना बड़ा प्रोजेक्ट है, और अगर शुरुआत में ही इतनी दरारें आ रही हैं तो आने वाले समय में ये कितना टिकेगा, ये बड़ा सवाल है?"
स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य में लापरवाही और घटिया सामग्री का उपयोग हो रहा है। अब सवाल उठता है कि 52 करोड़ की लागत में बना यह अस्पताल आने वाले समय में मरीजों का इलाज करेगा या खुद ही इलाज का मोहताज हो जाएगा?
सरायकेला जैसे जिले में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पहले से ही भारी कमी है, ऐसे में अगर निर्माण कार्य में इस तरह की लापरवाही होती है तो यह सिर्फ पैसा नहीं, जन-स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ है।
फिलहाल हमारी टीम ने इस मामले में संबंधित विभाग से जवाब मांगने की कोशिश की है। जैसे ही जवाब मिलेगा, हम आपको अपडेट करेंगे।