Chaibasa: झारखण्ड आंदोलनकारी सिंहभूम द्वारा आयोजित सम्मेलन हुआ संपन्न

कहा झारखण्ड आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, रोजी- रोजगार एवं नियोजन में सत प्रतिशत गारंटी मिले


चाईबासा: झारखण्ड आंदोलनकारी के बेटा -बेटी, पोता -पोती व आश्रितों को राज्य सरकार के सभी रिक्तियों में सीधी नियुक्ति देने का काम शीर्ष प्राथमिकता के साथ करें. झारखण्ड आंदोलनकारिओं के लिए राजधानी और राज्य के सभी जिला मुख्यालय में सभी सुविधायुक्त अथितिगृह बने. झारखण्ड आंदोलनकारीयों का 10 लाख रूपये का सामूहिक बीमा किया जाना चाहिए. यह बातें आज झारखण्ड आंदोलनकारी सिंहभूम द्वारा आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक सह झारखण्ड आंदोलनकारी मंगल सिंह बोबोंगा ने कही.

श्री बोबोंगा ने कहा कि जिस उद्देश्य के साथ झारखंडीओं ने अलग राज्य की लड़ाई लड़ी वह आज तक पूरी नहीं हो सकी. यहाँ के लोग अलग झारखण्ड राज्य के निर्माण में अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़कर आंदोलन में कूदे वैसे लोगों की स्थिति बद से बददतर होती जा रही है. झारखण्ड आंदोलनकारिओं को मान सम्मान नहीं मिलना झारखण्ड आंदोलनकारिओं के लिए अपमान है. इन्होंने कहा कि जब तक आंदोलनकारियों के आश्रितों को राजकीय मान सम्मान नहीं मिलता है तब तक झारखंड आंदोलनकारी शहीदों के सपनों को साकार नहीं किया जा सकता. इस मौके पर झारखण्ड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के सस्थापक महासचिव पुष्कर महतो ने कहा कि राज्य सरकार 03 जनवरी को मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जयंती को झारखण्ड आंदोलनकारी दिवस घोषित करे. झारखण्ड आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, रोजी- रोजगार एवं नियोजन में सत प्रतिशत गारंटी मिले. वहीं जेल जाने की बाध्यता को सम्माप्त करते हुए सभी को सम्मान राशि 50-50 हजार रु. सम्मान के साथ राज्य सरकार दे. ताकि आंदोलनकारियों को न्याय के साथ सम्मान व समाज में स्वाभिमान से जीने का अधिकार दे. आंदोलनकारी मानसिंह बंकिरा ने कहा कि राज्य सरकार के जनजातीय सलाहकार परिषद ( टी. ए. सी.) में 10 झारखण्ड आंदोलनकारी सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए. जिन आंदोलनकारी साथियों का चिन्हितिकारण नहीं हो सकी उनकी जल्द चिन्हितिकारण कर नामों को शामिल किया जाना चाहिए. वहीं सरकार के सभी बोर्ड निगमों में स्थान मिले. कार्यक्रम आरम्भ होने के पूर्व झारखण्ड आंदोलनकरिओं ने दिवंगत दिशूम गुरु शिबू सोरेन और रामदास सोरेन सहित अन्य मृत हुए आंदोलनकारियों की याद में एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सम्मेलन को आसमान सुंडी, सुधीर मुंडू, सुनील सिरका, बुधराम लागुरी, राजू महतो, के. पी. सेठ सोय, रोजलीन तिर्की, कोलम्बस हांसदा, बिरसिंह हेम्बरम, गंगाराम सिंकू, फिरोज अहमद, दामू बानरा, चंपाई बोईपाई, ब्रजमोहन सिंकू, ज्वाला कोड़ा, हरीश चंद्र महतो, अशोक पान, मो. बारीक़, सुहेल अहमद, कृष्णा सिंकू, जारफ अहमद, सुरेश पूर्ति, हरिलाल करजी, कुशनु गोप, त्रिभुवन हेस्सा, गिरिधारी तुबिद, अर्जुन बानरा, सिदेश्वर बिरुवा, जयकिशन, सिदेश्वर बानरा, बिनीता खलको, एरान कच्छप, झींगी हेस्सा, पर्मिला तिरिया, जुड़न समाड, अजय महतो, अंजन प्रधान, सुखदेव राम रवि समेत पश्चिमी सिंहभूम जिले के अलावे विभिन्न जिले से झारखण्ड आंदोलनकारी शामिल हुए. सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने किया. सम्मेलन का संचालन नवाज हुसैन उर्फ़ बिरसा ने की जबकि धन्यवाद ज्ञापन आसमान सुंडी ने किया.

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