चाईबासा: दया और करुणा की प्रतिमूर्ति भारत रत्न व नोबेल शांति सम्मान से पुरस्कृत मदर टेरेसा की जयंती मंगलवार को कांग्रेस भवन,चाईबासा में मनाई गई। मौके पर कांग्रेसियों ने मदर टेरेसा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने मदर टेरेसा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मदर टेरेसा समाज को नई दिशा देने वाली और गरीबों, अनाथों, असहायों के दुख-दर्द के लिए जीने वाली प्रेम, दया, करुणा की प्रतिमूर्ति थीं।
उन्होंने बचपन से ही गरीबी का दौर देखा शिक्षा प्राप्त करते हुए बारह वर्ष की आयु में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपना जीवन दूसरों की सेवा में लगाएंगी और अठारह वर्ष की आयु में सिस्ट ऑफ लोरेटो में शामिल हुई। एक बार वह भारत घूमने आई और उनके मन में भारत के जरूरतमंदों को देखकर सेवा का भाव उभरा इसके बाद वह कोलकाता आ गई और दूसरों की सेवा करते हुए भारत की नागरिकता ले ली। उन्होंने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया और मानव कल्याण कार्य हेतु उन्हें नोबेल शांति सम्मान से भारत में नवाजा गया।
कांग्रेस जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने कहा कि त्याग और सेवा की अमर मिसाल मदर टेरेसा ने अपने जीवन से यह सिखाया कि सच्चा धर्म इंसानियत की सेवा है। गरीब,असहाय और पीड़ितों के लिए उनका निःस्वार्थ समर्पण पूरी मानवता के लिए प्रेरणा है।
मौके पर कांग्रेस जिला महासचिव लियोनार्ड बोदरा, युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सुरेश सावैयां, नगर अध्यक्ष मो. सलीम, सक्रिय सदस्य विजय सिंह तुबिद, जहाँगीर आलम, अजय कुमार, नंद गोपाल दास, संजय साव, मो. अरसलाम, चंद्रशेखर प्रसाद, प्रताप पुरती, बचन खान, नगर उपाध्यक्ष सुभाष राम तुरी, महासचिव बिट्टू सिंह, कार्यालय सचिव सुशील दास आदि मौजूद थे।