नो-एंट्री आंदोलन के पीड़ित परिवारों से मिले पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं पूर्व सांसद गीता कोड़ा, घायल एवं गिरफ्तार आदिवासी परिवारों के लिए की न्याय की मांग
santosh verma
Chaibasa ःघाटशिला उपचुनाव कार्यक्रम से लौटने के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं पूर्व सांसद श्रीमती गीता कोड़ा ने चाईबासा सदर प्रखंड के बादुडी गांव पहुंचकर उन पीड़ित परिवारों का हाल-चाल लिया, जो 27 अक्टूबर को नो-एंट्री के मुद्दे पर शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज में घायल हुए थे और जिनके परिजन अब भी जेल में बंद हैं।
श्री कोड़ा ने कहा कि दिन में नो-एंट्री की मांग सड़क दुर्घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी को रोकने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन जनता का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ना निंदनीय और अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हर प्रकार की हिंसा की विरोधी रही है, और प्रशासन का यह कदम गरीब एवं आदिवासी परिवारों के साथ अन्याय है। वहीं कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं की चुप्पी इस अन्याय की मौन स्वीकृति है।
श्री कोड़ा ने कहा कि यह अत्यंत दुःखद और गैर-मर्यादित है कि जो लोग अपनी वाजिब मांगों के समर्थन में सड़कों पर उतरे, उन्हें अपराधियों की तरह व्यवहार झेलना पड़ा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि सभी निर्दोष गिरफ्तार आंदोलनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए तथा घायल परिवारों को उचित मुआवजा एवं न्याय दिया जाए।
श्री कोड़ा ने आश्वासन दिया कि भारतीय जनता पार्टी इन पीड़ित आदिवासी परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। दौरा के क्रम में
गुलशन सुंडी ,जय किशन बिरुली, टाइगर हेंब्रम ,स्माइल सिंह दास इत्यादि भाजपा के पदाधिकारी गण मौजूद रहे
