कांग्रेस में बगावत, सभी 12 नाराज विधायकौं नें प्रदेश अध्यक्ष से कहा चार मंत्रियों को बदले अन्यथा परिणाम भुगतने को रहें तैयार

नाराज विधायकों पर भाजपा की है नजर, 12 विधायक के हटने से चंपई सोरेन सरकार आ जायेगुगी अल्पमत में
                                           

चाईबासा/संतोष वर्मा : मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का मंत्री  मंडल का विस्तार को लेकर भले ही मंत्रीपरिषद के शपथ दिला दी गई है।लेकिन गठबंधन दल में शामिल कांग्रेस खेमें में अब भी गड़बड़ चल रही है,विवाद थमने का नाम नहीं मंत्रिपरिषद के शपथ होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी में मंत्री पद को लेकर उठापटक चालू है।आज सुबह से ही सर्किट हाउस में कांग्रेस के विधायक रणनीति बनाने में जुटें थें। शपथ ग्रहण समारोह के बाद फिर एक बार शाम को नाराज़ विधायकों की बैठक शुरू हो चुकी है।


झारखंड में कांग्रेस टूट के कगार पर। दस विधायक नाराज़। नाराज़ विधायक को मंत्री अलमगीर आलम और प्रदेश प्रभारी श्री मीर मानने में लगे। नाराज़ विधायकों का कहना है कि नई सरकार में भी पहले के सरकार में रहे मंत्री को रेस्ट देना चाहिए,और विधायक को मौका मिलना चाहिए। ऐसा लगता है कि दस विधायकों की नाराजगी चंपई सोरेन जी की सरकार के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। जहां भाजपा महागठबंधन सरकार को तोड़ने का आरोप लग रहा था,अब तो ऐसा दृश्य देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों की नाराजगी पार्टी को टूट के कगार पर न ले जाए। 


पार्टी में विधायक अनूप सिंह, दीपिका पाण्डे, भूषण बाड़ा और कोल्हान के एक मात्र विधायक सोना राम को मंत्री पद मिलने का पूरा भरोसा था, लेकिन पार्टी इनके भरोसा को पूरा नहीं किया। नाराज़ विधायक मंत्री अलमगीर आलम को इसका जिम्मेदार ठहराया है।विधायक अनुप सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से मिलकर सभी नाराज 12 विधायकों नें चारों मंत्री को रि सैफलिंग की मांग रखी है।और साफ साफ कहा है की यदी हम लोगों की मांगें पुरी नहीं होती है तो हम किसी को भी सशर्त समर्थन दें सकते है।नाराज चल रही विधायक पूर्णिमा सिंह का भी साथ है हमलोगों को। हम सभी विधायक एक जुट हैं। 

सूत्रों की माने तो 12 विधायक के हटने से चंपई सोरेन सरकार अल्पमत में आ जाएगी।12 विधायक के अलग होने और नई पार्टी बनाई जाने पर भी विचार हो रही है। नाराज़ विधायकों पर भाजपा की नज़र।राजनीतिक में कभी भी अनहोनी की संभावना रहती है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है।12 विधायक एक साथ पार्टी से अलग होने से अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है। अयोग्य घोषित होने का खतरा नहीं है। सूत्रों के हवाले से नाराज़ विधायकों को भाजपा बाहर से समर्थन दे सकती है।

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