चाईबासा: शनिवार को गरीबों और मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले स्वर्गीय जगजीवन राम की पुण्य तिथि श्रद्धापूर्वक भाव से कांग्रेसियों ने मनाई। इस अवसर पर दो मिनट का मौन धारण कर उन महान आत्मा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनकी आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम बहुत ही सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। उसने तत्कालीन अंग्रेजी हुकूमत के फूट डालो और राज करो की नीति को खरीफ से भांप लिया था जिसके तले अंग्रेजों ने दलितों और सवर्णों को आपस में लड़ाकर कमजोर करने का षड्यंत्र रचा था।
इस पर उन्होंने दलितों के सामुहिक धर्म परिवर्तन को रोका और उन्हें स्वतंत्रता की मुख्य धारा से जोड़ने में राजनीतिक कौशल और दूर दर्शिता का परिचय दिया था। इसके उपरांत उन्होंने समकालीन गांधी जी के नेतृत्व में आजादी के लिए संघर्ष करने वाले दल में शामिल होकर सारा जीवन देश के नाम समर्पित किया था।
जब 9 अगस्त 1942 को मुम्बई से गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया था तो अग्र पंथी में बाबू जगजीवन राम का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया था। और इस आंदोलन के दरम्यान उनको जेल भी जाना पड़ा था। और इस तरह से देश उन्हें आज भी स्वतंत्रता के आंदोलन में सक्रिय आंदोलनकारी के नाम से याद करते हैं। और आजादी के उपरांत उसको देश का पहला श्रम मंत्री बनाया गया था। इस प्रकार उन्हें संसद में आठ बार निर्वाचित होकर विभिन्न मंत्रालयों को सुशोभित करते हुए देश की सेवा में अहम् योगदान दिया था।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष चन्द्रशेखर दास ने कहा आज हम सबको भी स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम की जीवन गाथा से प्रेरित होकर देश हित में सदैव तत्पर रहने की आवश्यकता है। दास जी ने आगे चर्चा में कहा आज हम सबको भी इस दिवस को देश से ''नफ़रत और डर "की माहौल को खत्म करने हेतु संकल्प के रूप में मनाने की आवश्यकता है।
मौके पर जिला अध्यक्ष चन्द्रशेखर दास ,जिला प्रवक्ता जगदीश सुन्डी व वरिष्ठ कांग्रेसी कृष्णा सोय ने संयुक्त बयान जारी कर कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा अब विधानसभा की चुनाव काफी नजदीक आ चुका है इसलिए सभी अपने -अपने क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने का काम शुरू कर दें।
मौके पर प्रखंड अध्यक्ष सिकुर गोप, रूप सिंह बारी, जयकिशन सलगुनिया, सुशील कुमार दास,महीप कुदादा, सिकंदर सुन्डी इत्यादि मौजूद थे।