कोल्हान में ST आरक्षित सीट पर भाजपा का आना यानी राज्य में भाजपा की सरकार बनना, तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी को पूरा कर पाएंगें मोहन मांझीः सवालों के घेरे में भाजपा

हेमन्त सोरेन की लोकप्रियता पर ओड़िशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी की लोकप्रियता भारी पड़ने पर बड़ा सवाल

भाजपा का कोल्हान में मोहन मांझी का दाँव कितना कारगर साबित होगा, मोहन मांझी के भरोसे कोड़ा दंपती अपनी जीत का नैया पार करने में सफल हो पाएंगें

हेमन्त सोरेन का काट बन कर भाजपा के मोहन मांझी कोल्हान में कमल खिलाने की रणनीति को सफल बना पाएंगें

झामुमो ने कोल्हान में हेमंत सोरेन बनाम मोहन मांझी का चुनावी लड़ाई जनता के बीच खड़ा करने की रणनीति तैयार कर ली है


चाईबासा/संतोष वर्मा: आज कोल्हान में भाजपा की कमजोर स्थिति को बेहतर करने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी को जिम्मेदारी सौंपी जाने की ख़बर सामने आ रही है. एक तरह से यूँ कह सकते हैं कि कोल्हान के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों से भाजपा को बहुत लाभ होता नहीं दिख रहा है. लोकसभा के नतीजों से भाजपा विधानसभा में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.

मोहन मांझी के द्वारा ओडीशा सीमाओं से लगे विधानसभा में भाजपा को जिताने के लिए जिम्मेदारी दी गई है इसमें मुख्य रूप से जगन्नाथपुर विधानसभा है, पहले भी मोहन मांझी इस विधानसभा के प्रभारी रह चुके हैं.

सूत्रों की माने तो कोड़ा दंपति को चुनाव से पहले ही जीत के प्रति आश्वसत कर देने की ख़बर से राजनीतिक पारा चढ़ गया है. ओडिया भाषा क्षेत्र में मोहन मांझी का कितना जादू चल पाएगा, यह तो चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा, मोहन मांझी से कोल्हान में भाजपा को लाभ और हानि दोनों से वास्ता पड़ने वाला है, जहां ओडिशा राज्य में कोल्हान को मिलाने की घोषणा किए जाने के बाद कोल्हान के आदिवासी जनता का रिएक्शन आ चुका है, मोहन मांझी का पुतला दहन तक किया गया है.

इस हालत में मात्र कोल्हान के ओडीया भाषा के लोग ही भाजपा के ओर झुकाव होगा. इस समीकरण में भाकपा की स्थिति बहुत बेहतर नहीं दिख रही है. वर्तमान सरकार यानी झामुमो और कॉंग्रेस की जोड़ी काफी मजबूत दिख रही है. कोड़ा दंपती किसी भी कीमत पर सोना राम सिंकु को दोबारा विधायक नहीं देखना चाहते हैं.

कोड़ा दंपती अपनी जीत से ज्यादा वर्तमान विधायक की हार पर चिन्तन किए जाने की ख़बर है. हेमन्त सोरेन की लोकप्रियता पर ओड़िशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी की लोकप्रियता भारी पड़ने पर बड़ा सवाल. झामुमो ने कोल्हान में हेमंत सोरेन बनाम मोहन मांझी का चुनावी लड़ाई जनता के बीच खड़ा करने की रणनीति तैयार कर ली है.

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