रघुबर दास के राजनीतिक तिकड़म में सरयू राय जैसे चाणक्य भी इस चुनाव में घिरते नजर आ रहे हैं, सरयू राय के लिए यह चुनाव जीने मरने जैसा है
रांची डेस्क/संतोष वर्मा: भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर के कोल्हान में अपने आप को अपने ही लोगों का विरोध का सामना करना पड़ रहा है. हाँ जमशेदपुर के पूर्वी और पश्चिमी में पार्टी का अंतर्कलह उभर कर सामने आ रहा. पश्चिमी विधानसभा से पच्चीस साल से भाजपा के लिए तन मन धन से पार्टी के लिए समर्पित रहने वाले विकास सिंह को पार्टी ने कहीं का नहीं छोड़ा है.
फिर भी विकास सिंह पार्टी के लिए मरने मिटने तक के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसे वफादार सिपाही की कीमत आज पार्टी में नहीं है. वही दूसरी ओर एक ज़माने के सिंहभूम के दबंग डॉन दिवंगत विजय सिंह सोय के करीबी रहे निरज सिंह को भी पार्टी ने निराश कर दिया है. सीट शेयरिंग में ज़द यू के खाते में पश्चिमी विधानसभा सीट जाने के बाद भाजपा के सभी सम्भावित प्रत्याशी औंधे मुँह गिर गए.
सूत्रों के अनुसार हाई लेबल में रघुबर दास ने सरयू राय को पश्चिम सिफट करने की कोशिश को अन्जाम दिया है, ज़द यू को पश्चिम की सीट देने रघुबर के कहने पर किया गया है. रघुबर दास ने बड़ी चालाकी से एक तीर से कई निशाना साध लिए हैं, जिसका अनुमान भाजपा के दिग्गज लोगों को भी नहीं था. एक रणनीति के अनुसार रघुवर दास ने अपने परिवार को पूर्वी से टिकट दिलाने के लिए दोनों सीट पर अपने राजनीतिक समीकरण के तेहत काम को अन्जाम दिए हैं. रघुवर की चाल से काले, राम बाबु, निरज सिंह, विकास सिंह जैसे नेता राजनीतिक मात खाने की चर्चा जोरों पर है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रघुबर दास के इस खेल में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सूत्रों के अनुसार पश्चिम सीट से भाजपा इस बार कॉंग्रेस के बनना गुप्ता के तुलना में अधिक मजबूत है, लेकिन भाजपा जीती हुई बाजी हार गई. वहीं विकास सिंह ने रोते हुए अपनी दुख भरी दास्तान ब्यान करते हुए नामांकन पर्चा खरीदा है, अब देखना है कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं या राजनीतिक जीवन को अलविदा कहने...