Ghatshila: वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के हजारों शिक्षक कर्मियों ने विधानसभा के सामने दिया महाधरना

- घाटशिला अनुमंडल के दर्जनों शिक्षक हुए धरना में शामिल


घाटशिला: राज्य कर्मी का दर्जा देने और महंगाई को देखते हुए अनुदान की राशि में 75 प्रतिशत बबढ़ोतरी के संलेख को मंत्री परिषद में मंगवाने के मुख्य मांग को लेकर वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के हजारों शिक्षक कर्मियों ने रांची में विधानसभा के सामने महा धरना दिया।

महा धरना में संस्कृत शिक्षक पीला वस्त्र और मदरसा शिक्षक टोपी पहनकर धरना स्थल पर मौजूद थे।धरना का नेतृत्व गणेश महतो, कुंदन कुमार सिंह, फजलुल कदीर अहमद, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, देवनाथ सिंह, चंदेश्वर पाठक, अनिल तिवारी आदि ने किया।

महाधरना की अध्यक्षता संस्कृत महासंघ के महासचिव और अध्यक्ष मंडल के सदस्य हरिहर प्रसाद कुशवाहा ने किया।
मंच का संचालन मोर्चा के अध्यक्ष मंडल के सदस्य अरविंद सिंह ने किया।

महाधरना में गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी ,रांची के भारी संख्या में महिला शिक्षिकाएं ने भाग लिया। महाधरना के के बाद मोर्चा ने मांगों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया।

महाधरना स्थल पर ही सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि 11 मार्च को इन मांगों को लेकर राजभर के 10000 शिक्षक कर्मचारी शैक्षणिक हड़ताल पर रहेंगे, और 25 मार्च 2025 को विधानसभा के सामने उपवास पर रहकर भारी संख्या में शिक्षक कर्मचारी विधानसभा के सामने धरना देंगे।

विदित हो की राज्य कर्मी का दर्जा से संबंधित संचिका नियमावली बनाकर वेतनमान देने का कार्मिक विभाग ने 2021 से पड़ी हुई है। इसके लिए तत्कालीन विधायिका दीपिका पांडेय सिंह ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से प्रश्न उठाई थी।

सरकार ने सदन में जवाब दिया था कि कार्रवाई चल रही है।
पुण: मोर्चा के आंदोलन के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कार्मिक विभाग के सचिव को स्मार पत्र भेजा था ।कि अभी तक कारवाई होने की कोई सूचना विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए कार्रवाई कर कृत कार्रवाई से संबंधित सूचना साक्षरता विभाग को दिया जाए। लेकिन आज तक कार्मिक विभाग द्वारा करवाई धीमी गति से चल रहा है।

बैठक में वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि मुख्यमंत्री सदन में आश्वासन दिए थे और मुख्यमंत्री सचिवालय का पत्र भी शिक्षा विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए आया था लेकिन आज तक वित्त रहित समाप्त कर नियमावली बनाने का प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। जिसके चलते आए दिन हम शिक्षकों को रोड पर आना पड़ रहा है।

बैठक को अध्यक्ष मंडल के मुरारी प्रसाद सिंह, रेशमा बेक, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, मनीष कुमार, अनिल तिवारी, फजलुल कादिर अहमद, अर्जुन पांडे, कुंदन कुमार सिंह, चंदेश्वर पाठक, देवनाथ सिंह, नरोत्तम सिंह के साथ दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों ने महाधरणा को संबोधित किया।

 महा धरना पर ही अध्यक्ष मंडल की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि इसके लिए माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका भी दायर किया जाए। बैठक में लगातार संघर्ष करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी तय किया गया कि संगठन को मजबूत करने के लिए राज्यव्यापी दौरा किया जाए। और इसके लिए कमेटी का भी प्रमंडल बार गठन किया गया।

बैठक में अध्यक्ष मंडल के सभी सदस्यों की एक राय थी कि आंदोलन को तेज किया जाए। और मुख्यमंत्री से यथा शीघ्र मिलकर 75 प्रतिशत अनुदान बढ़ोतरी के संलेख को मुख्यमंत्री अभिलंब कैबिनेट की बैठक में मंगवाया जाय। मोर्चा के रघुनाथ सिंह और गणेश महतो, फजलुल कदीर अहमद ने कहा कि अब वित्त रहित शिक्षक सड़क एवं न्यायालय दोनों स्तर से संघर्ष करेगा और जब तक यह दोनों मांगे मानी नहीं जाएगी मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा।

Post a Comment

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post