अबुवा सरकार का कृत्य फिर बनेगा ईचा खरखाई डैम हेमंत है तो दिक्कत है
Chaibasaःहेमंत सोरेन जब जेल गये तब आदिवासी याद आया, जब वोट बटोरने का बारी आयी तब आदिवासी याद आया, जब-जब समस्याओं से गिरते हैं तब आदिवासी ही याद आती है। और कहते है, आंदोलनकारी का बेटा हूँ, आदिवासी बेटा हूँ और जब समस्याएं टल जाती हैं और सरकार बन जाती हैं तो ना ही आदिवासी याद आता है ना ही विस्थापन का दंश झेल रहे आदिवासियों की छींक। आबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के सिंबल से राँची लोकसभा और ईचागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके पूर्व युवा प्रत्याशी रामहरि गोप ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की आदिवासीयों की जुल्म की अंत यही नहीं होगा। सरकार अब आदिवासियों को शिक्षा से दूर करेगी और गांव-गांव में शराब दुकान खोल कर सबको नशेड़ी बना कर आदिवासीयों को जंगलों से वन्यजीव संरक्षण के नाम पर अभयारण्य घोषित कर और नक्सली के नाम पर मारा जायेगा और विस्थापित किया जायेगा। शहरों से विकास के नाम पर कंपनी, सड़क चौड़ीकरण के नाम पर विस्थापित किया जाएगा और गांव से बड़े-बड़े कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े-बड़े डैम बनाकर विस्थापित किया जाएगा जब तक की आदिवासी मूलवासी इस देश से पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता है। उन्होंने बताया कि आदिवासी मूलवासी का चोला ओढ़ कर आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने वाले पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को आने वाले चुनाव में आदिवासी क्षेत्र से एक भी विधायक को जितने ना दें। आदिवासी अब झारखंड मुक्ति मोर्चा का नारा देना बंदकर दे। जेल का ताला टूटेगा हेमंत सोरेन छूटेगा, हेमंत है तो हिम्मत है, अबुआ सरकार आदि के बजाय हेमंत है तो दिक्कत है। आदिवासी राज्य में दिकूओं की सरकार। अबुवा दिशुम बबुआ सरकार। अबुआ वोट दिकू सरकार जैसे नारा को बुलंद करना पड़ेगा।