चाईबासा: भारत में कुछ लोग युद्ध को मज़ाक समझते हैं। उन्हें लगता है कि बस एक बटन दबाया और दुश्मन देश तबाह हो गया। लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। युद्ध के परिणाम भयानक होते हैं, जिनमें लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों का जीवन बर्बाद होता है। भूख, प्यास, और बीमारियों के कारण लोग तड़प-तड़प कर मरते हैं।
चाईबासा नगर के भाजपा नेता एवं आईटी सेल के संयोजक दुवारिका शर्मा ने कहा कि युद्ध की शुरुआत का दिन तय हो सकता है, लेकिन इसका अंत निश्चित नहीं होता। आज जो अमेरिका जैसे देश समर्थन दिखा रहे हैं, वे वही देश हैं जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन किया था। कोई भी विकसित देश नहीं चाहता कि भारत और शक्तिशाली बने।
उन्होंने कहा, "हम न पक्ष का समर्थन करते हैं, न विपक्ष का, हम हमेशा निष्पक्ष रहते हुए बात करते हैं।" और यह ही हमारा उद्देश्य है कि हम जो भी बोलें, वह पूरी सच्चाई के साथ निष्पक्ष हो।
दुवारिका शर्मा ने बताया कि युद्ध से देश को किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है:
1. देश की अर्थव्यवस्था गिर जाती है।
2. देश विकास की दौड़ में पीछे रह जाता है।
3. भुखमरी और गरीबी बढ़ जाती है।
4. लोग अपने परिवारों से बिछड़ जाते हैं।
5. युद्ध समाप्त होने के बाद पुनर्निर्माण में लंबा समय लगता है।
6. युद्ध में नुकसान दोनों देशों का होता है, कोई भी पक्ष पूरी तरह सुरक्षित नहीं रहता।
उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध का कोई भी परिणाम देश के हित में नहीं होता। युद्ध केवल विनाश लाता है, और इसे किसी भी कीमत पर टाला जाना चाहिए। देश को चाहिए कि वह शांति और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजे, ताकि जन और धन हानि से बचा जा सके।