बागुन सुंबरूई, ऐसा नेता जिसका चुनावी जीत का रिकॉर्ड आज भी है अटूट
ग्राम मुंडा से कैबिनेट मिनिस्टर तक का अनोखा सफर
पांच बार सांसद और चार बार विधायक बनने का रिकॉर्ड है
संतोष वर्मा
Chaibasa : आदिवासी बहुल कोल्हान में कभी कद्दावर राजनेता रहे बागुन सुंबरूई का एक पॉलिटिकल रिकॉर्ड आज भी न केवल अटूट है, बल्कि इसके आसपास भी कोई नेता पटकता हुआ नहीं दिखता है। इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ दे, ऐसी संभावना भी फिलहाल तो दूर दूर तक दिखती नहीं है।
सदर प्रखंड के भूता गांव में साधारण परिवार में जन्म लेनेवाले बागुन सुंबरूई ने पांच बार लोकसभा चुनाव और चार बार विधानसभा चुनाव जीते थे जो कोल्हान में आज भी एक राजनैतिक कीर्तिमान तो है ही साथ ही पॉलिटिकल माइल स्टोन भी है। यह ऐसा रिकॉर्ड है जो लंबे समय अटूट तथा अपराजेय बना हुआ है। आगे भी बना ही रहेगा, इसकी पूरी संभावना दिखती है। इस रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर इसकी बराबरी करना भी अब तो असंभव हो गया है। उस समय बागुन सुंबरुई का सिंहभूम संसदीय सीट तथा चाईबासा विधानसभा सीट पर गजब का दबदबा था। वोटर उनको खूब वोट देते थे।
पहले गांव के मुंडा बने, फिर विधायक, सांसद और बाद में कैबिनेट मिनिस्टर
हाईस्कूल तक पढ़नेवाले बागुन सुंबरुई जनप्रतिनिधि बनने के पहले वर्ष 1946 में अपने गांव भूता का ग्राम मुंडा बने थे। उसके पहले उनके पिता मानकी सुंबरुई ग्राम मुंडा थे। उनकी माता का नाम दाशमती सुंबरूई था। मुंडा की जिम्मेदारी संभालने के बाद 1967 में पहली बार चाईबासा से विधायक बने। इसके अलावे 1969, 1972 तथा 2000 में भी विधायक रहे। वहीं, 1977 में पहली बार सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे। इसके अलावे वे 1980, 1984, 1989 तथा 2004 में भी सांसद चुने गये। वे अविभाजित बिहार में कैबिनेट मंत्री समेत कई बड़े संवैधानिक पदों पर भी रहे। 94 वर्ष की आयु में 22 जून 2018 को उनका निधन हुआ। अपने पैतृक गांव भूता में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। इस दौरान उनके चाहनेवालों की ऐतिहासिक भीड़ उमड़ पड़ी थी।