सदर अस्पताल चाईबासा में नहीं मिल रहा बेड, घायल मरीजों को हो रही परेशानी-प्रशासन पर उठे कई सवाल:- रामहरि गोप
मानव अधिकार परिषद, के झारखंड, प्रदेश महासचिव रामहरि गोप, ने घटना पर कड़ा बयान जारी करते हुए कहा चाईबासा जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए बेड तक नहीं मिल रहा है। यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि एक प्रशासनिक हत्या है।
क्या यही है 'स्वास्थ्य के अधिकार' की सच्चाई?"
उन्होंने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी (@IrfanAnsariMLA), मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (@HemantSorenJMM) और जिलाधिकारी चाईबासा (@DC_Chaibasa) से एक्स में टैग कर ट्वीट करते हुए तत्काल संज्ञान लेकर जवाबदेही तय करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
झारखंड सरकार बार-बार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती रही है, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके ठीक उलट है। जब जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल में ही यह हाल है, तो दूरदराज के आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी, इसकी कल्पना भी भयावह है। आखिर करोड़ों के बजट का लाभ कहां जा रहा है? जिला अस्पताल में इतने वर्षों बाद भी बुनियादी सुविधा क्यों नहीं है? क्या गरीबों को अब भी इलाज के लिए तड़पना पड़ेगा?
रामहरि गोप सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में तत्काल सुधार और जिम्मेदारी तय नहीं की गई, तो वे जनांदोलन का रास्ता अपनाएंगे।