कुमारडुंगी गैंगरेप कांड: दो आरोपी गिरफ्तार, एक ने किया सरेंडर, एक अब भी फरार – पूर्व मंत्री ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
Chaibasa: कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के कुदहातू गांव के पास जंगल में हुई गैंगरेप की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ चार युवकों द्वारा की गई दरिंदगी के बाद अब इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई तेज की है। ताजा जानकारी के अनुसार, मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी ने खुद थाने में सरेंडर कर दिया है। वहीं, एक अन्य आरोपी की अब भी तलाश जारी है।
ग्रामीणों के दबाव में दर्ज हुआ मामला
घटना के बाद शुरुआत में पुलिस की ओर से मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। पीड़िता के परिवार और ग्रामीणों ने बताया कि घटना की सूचना देने के बावजूद पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की। बाद में जब ग्रामीणों ने मिलकर दबाव बनाया, तब जाकर मामला दर्ज किया गया। यह घटना कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में हुई, लेकिन एफआईआर मंझारी थाना में दर्ज कराई गई, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रही।
पूर्व मंत्री बड़कुँवर गागराई ने पुलिस पर उठाए सवाल
इस मामले को लेकर झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर कड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गंभीर घटना पर पुलिस की निष्क्रियता बेहद चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे स्वयं इस मामले की जानकारी लेने कुमारडुंगी थाना पहुंचे, तो वहां उन्हें इधर-उधर की बातों में उलझाने का प्रयास किया गया।
“ड्यूटी को लेकर गंभीर नहीं है पुलिस”: बड़कुंवर गागराई
गगराई ने कहा कि पुलिस अगर समय पर सक्रियता दिखाती तो शायद सभी आरोपी अब तक पकड़े जा सकते थे। उन्होंने सवाल उठाया कि घटना कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में हुई, फिर मंझारी थाना का इसमें क्या रोल है? इससे यह प्रतीत होता है कि पुलिस अपने कार्य के प्रति लापरवाह है और जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
पीड़िता का बयान दर्ज, मेडिकल जांच कराई गई
घटना के बाद पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है और मेडिकल जांच भी कराई गई है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि फरार आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं, इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस गश्त भी बढ़ा दी गई है।इधर ग्रामीणों और परिजनों की मांग है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। साथ ही, पुलिस प्रशासन को इस तरह के मामलों में गंभीरता दिखानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा घिनौना अपराध करने की हिम्मत न कर सके।